यशायाह 7:3-14

यशायाह 7:3-14 HINOVBSI

तब यहोवा ने यशायाह से कहा, “अपने पुत्र शार्याशूब को लेकर धोबियों के खेत की सड़क से ऊपर वाले पोखरे की नाली के सिरे से आहाज से भेंट करने के लिये जा, और उससे कह, ‘सावधान और शान्त हो; और उन दोनों धूआँ निकलती लुकटियों से अर्थात् रसीन और अरामियों के भड़के हुए कोप से, और रमल्याह के पुत्र से मत डर, और न तेरा मन कच्‍चा हो। क्योंकि अरामियों और रमल्याह के पुत्र समेत एप्रैमियों ने यह कहकर तेरे विरुद्ध बुरी युक्‍ति ठानी है कि आओ, हम यहूदा पर चढ़ाई करके उसको घबरा दें, और उसको अपने वश में लाकर ताबेल के पुत्र को राजा नियुक्‍त कर दें। इसलिये प्रभु यहोवा ने यह कहा है कि यह युक्‍ति न तो सफल होगी और न पूरी। क्योंकि अराम का सिर दमिश्क, और दमिश्क का सिर रसीन है। फिर एप्रैम का सिर शोमरोन और शोमरोन का सिर रमल्याह का पुत्र है। पैंसठ वर्ष के भीतर एप्रैम का बल इतना टूट जाएगा कि वह जाति बनी न रहेगी। यदि तुम लोग इस बात की प्रतीति न करो; तो निश्‍चय तुम स्थिर न रहोगे’।” फिर यहोवा ने आहाज से कहा, “अपने परमेश्‍वर यहोवा से कोई चिह्न माँग, चाहे वह गहिरे स्थान का हो, या ऊपर आसमान का हो।” आहाज ने कहा, “मैं नहीं माँगने का, और मैं यहोवा की परीक्षा नहीं करूँगा।” तब उसने कहा, “हे दाऊद के घराने, सुनो! क्या तुम मनुष्यों को उकता देना छोटी बात समझकर अब मेरे परमेश्‍वर को भी उकता दोगे? इस कारण प्रभु आप ही तुम को एक चिह्न देगा। सुनो, एक कुमारी गर्भवती होगी और पुत्र जनेगी, और उसका नाम इम्मानुएल रखेगी।