होशे 11:1-11

होशे 11:1-11 HINOVBSI

जब इस्राएल बालक था, तब मैं ने उस से प्रेम किया, और अपने पुत्र को मिस्र से बुलाया। परन्तु जितना वे उनको बुलाते थे, उतना ही वे भागे जाते थे; वे बाल देवताओं के लिये बलिदान करते, और खुदी हुई मूरतों के लिये धूप जलाते गए। मैं ही एप्रैम को पाँव–पाँव चलाता था, और उनको गोद में लिए फिरता था; परन्तु वे न जानते थे कि उनका चंगा करनेवाला मैं हूँ। मैं उनको मनुष्य जानकर प्रेम की डोरी से खींचता था, और जैसा कोई बैल के गले की जोत खोलकर उसके सामने आहार रख दे, वैसा ही मैं ने उनसे किया। वह मिस्र देश में लौटने न पाएगा; अश्शूर ही उसका राजा होगा, क्योंकि उस ने मेरी ओर फिरने से इन्कार कर दिया है। तलवार उनके नगरों में चलेगी, और उनके बेंड़ों को पूरा नष्‍ट करेगी; और यह उनकी युक्‍तियों के कारण होगा। मेरी प्रजा मुझ से फिर जाने में लगी रहती है; यद्यपि वे उनको परमप्रधान की ओर बुलाते हैं, तौभी उन में से कोई भी मेरी महिमा नहीं करता। हे एप्रैम, मैं तुझे कैसे छोड़ दूँ? हे इस्राएल, मैं कैसे तुझे शत्रु के वश में कर दूँ? मैं कैसे तुझे अदमा के समान छोड़ दूँ, और सबोयीम के समान कर दूँ? मेरा हृदय तो उलट–पुलट हो गया, मेरा मन स्‍नेह के मारे पिघल गया है। मैं अपने क्रोध को भड़कने न दूँगा, और न मैं फिर एप्रैम को नाश करूँगा; क्योंकि मैं मनुष्य नहीं परमेश्‍वर हूँ, मैं तेरे बीच में रहनेवाला पवित्र हूँ; मैं क्रोध करके न आऊँगा। वे यहोवा के पीछे पीछे चलेंगे; वह तो सिंह के समान गरजेगा; और तेरे लड़के पश्‍चिम दिशा से थरथराते हुए आएँगे। वे मिस्र से चिड़ियों के समान और अश्शूर के देश से पण्डुकी की भाँति थरथराते हुए आएँगे; और मैं उनको उन्हीं के घरों में बसा दूँगा, यहोवा की यही वाणी है।