उत्पत्ति 35:1-5

उत्पत्ति 35:1-5 HINOVBSI

तब परमेश्‍वर ने याक़ूब से कहा, “यहाँ से निकल कर बेतेल को जा, और वहीं रह; और वहाँ परमेश्‍वर के लिये वेदी बना, जिसने तुझे उस समय दर्शन दिया जब तू अपने भाई एसाव के डर से भागा जाता था।” तब याक़ूब ने अपने घराने से, और उन सबसे भी जो उसके संग थे कहा, “तुम्हारे बीच में जो पराए देवता हैं, उन्हें निकाल फेंको; और अपने अपने को शुद्ध करो, और अपने वस्त्र बदल डालो; और आओ, हम यहाँ से निकल कर बेतेल को जाएँ; वहाँ मैं परमेश्‍वर के लिये एक वेदी बनाऊँगा, जिसने संकट के दिन मेरी सुन ली, और जिस मार्ग से मैं चलता था, उसमें मेरे संग रहा।” इसलिये जितने पराए देवता उनके पास थे, और जितने कुण्डल उनके कानों में थे, उन सभों को उन्होंने याक़ूब को दिया; और उसने उनको उस बांज वृक्ष के नीचे, जो शकेम के पास है, गाड़ दिया। तब उन्होंने कूच किया; और उनके चारों ओर के नगर निवासियों के मन में परमेश्‍वर की ओर से ऐसा भय समा गया कि उन्होंने याक़ूब के पुत्रों का पीछा न किया।