उत्पत्ति 3:14-24

उत्पत्ति 3:14-24 HINOVBSI

तब यहोवा परमेश्‍वर ने सर्प से कहा, “तू ने जो यह किया है इसलिये तू सब घरेलू पशुओं, और सब बनैले पशुओं से अधिक शापित है; तू पेट के बल चला करेगा, और जीवन भर मिट्टी चाटता रहेगा : और मैं तेरे और इस स्त्री के बीच में, और तेरे वंश और इसके वंश के बीच में बैर उत्पन्न करूँगा; वह तेरे सिर को कुचल डालेगा, और तू उसकी एड़ी को डसेगा।” फिर स्त्री से उसने कहा, “मैं तेरी पीड़ा और तेरे गर्भवती होने के दु:ख को बहुत बढ़ाऊँगा; तू पीड़ित होकर बालक उत्पन्न करेगी; और तेरी लालसा तेरे पति की ओर होगी, और वह तुझ पर प्रभुता करेगा।” और आदम से उसने कहा, “तू ने जो अपनी पत्नी की बात सुनी, और जिस वृक्ष के फल के विषय मैं ने तुझे आज्ञा दी थी कि तू उसे न खाना, उसको तू ने खाया है इसलिये भूमि तेरे कारण शापित है। तू उसकी उपज जीवन भर दु:ख के साथ खाया करेगा; और वह तेरे लिये काँटे और ऊँटकटारे उगाएगी, और तू खेत की उपज खाएगा; और अपने माथे के पसीने की रोटी खाया करेगा, और अन्त में मिट्टी में मिल जाएगा क्योंकि तू उसी में से निकाला गया है; तू मिट्टी तो है और मिट्टी ही में फिर मिल जाएगा।” आदम ने अपनी पत्नी का नाम हव्वा रखा; क्योंकि जितने मनुष्य जीवित हैं उन सब की आदिमाता वही हुई। और यहोवा परमेश्‍वर ने आदम और उसकी पत्नी के लिये चमड़े के अँगरखे बनाकर उनको पहिना दिए। फिर यहोवा परमेश्‍वर ने कहा, “मनुष्य भले बुरे का ज्ञान पाकर हम में से एक के समान हो गया है : इसलिये अब ऐसा न हो कि वह हाथ बढ़ाकर जीवन के वृक्ष का फल भी तोड़ के खा ले और सदा जीवित रहे।” इसलिये यहोवा परमेश्‍वर ने उसको अदन की वाटिका में से निकाल दिया कि वह उस भूमि पर खेती करे जिस में से वह बनाया गया था। इसलिये आदम को उसने निकाल दिया और जीवन के वृक्ष के मार्ग का पहरा देने के लिये अदन की वाटिका के पूर्व की ओर करूबों को, और चारों ओर घूमनेवाली ज्वालामय तलवार को भी नियुक्‍त कर दिया।