उत्पत्ति 28:10-17

उत्पत्ति 28:10-17 HINOVBSI

याक़ूब बेर्शेबा से निकलकर हारान की ओर चला। और उसने किसी स्थान में पहुँचकर रात वहीं बिताने का विचार किया, क्योंकि सूर्य अस्त हो गया था; इसलिये उसने उस स्थान के पत्थरों में से एक पत्थर ले अपना तकिया बनाकर रखा, और उसी स्थान में सो गया। तब उसने स्वप्न में क्या देखा, कि एक सीढ़ी पृथ्वी पर खड़ी है, और उसका सिरा स्वर्ग तक पहुँचा है; और परमेश्‍वर के दूत उस पर से चढ़ते उतरते हैं। और यहोवा उसके ऊपर खड़ा होकर कहता है, “मैं यहोवा, तेरे दादा अब्राहम का परमेश्‍वर, और इसहाक का भी परमेश्‍वर हूँ; जिस भूमि पर तू लेटा है, उसे मैं तुझ को और तेरे वंश को दूँगा। और तेरा वंश भूमि की धूल के किनकों के समान बहुत होगा, और पश्‍चिम, पूरब, उत्तर, दक्षिण, चारों ओर फैलता जाएगा : और तेरे और तेरे वंश के द्वारा पृथ्वी के सारे कुल आशीष पाएँगे। और सुन, मैं तेरे संग रहूँगा, और जहाँ कहीं तू जाए वहाँ तेरी रक्षा करूँगा, और तुझे इस देश में लौटा ले आऊँगा : मैं अपने कहे हुए को जब तक पूरा न कर लूँ तब तक तुझ को न छोड़ूँगा।” तब याक़ूब जाग उठा, और कहने लगा, “निश्‍चय इस स्थान में यहोवा है; और मैं इस बात को न जानता था।” और भय खाकर उसने कहा, “यह स्थान क्या ही भयानक है! यह तो परमेश्‍वर के भवन को छोड़ और कुछ नहीं हो सकता; वरन् यह स्वर्ग का फाटक ही होगा।”