उत्पत्ति 15:1-21

उत्पत्ति 15:1-21 HINOVBSI

इन बातों के पश्‍चात् यहोवा का यह वचन दर्शन में अब्राम के पास पहुँचा : “हे अब्राम, मत डर; तेरी ढाल और तेरा अत्यन्त बड़ा प्रतिफल मैं हूँ।” अब्राम ने कहा, “हे प्रभु यहोवा, मैं तो निर्वंश हूँ, और मेरे घर का वारिस यह दमिश्कवासी एलीएजेर होगा, अत: तू मुझे क्या देगा?” और अब्राम ने कहा, “मुझे तो तू ने वंश नहीं दिया, और क्या देखता हूँ कि मेरे घर में उत्पन्न हुआ एक जन मेरा वारिस होगा।” तब यहोवा का यह वचन उसके पास पहुँचा, “यह तेरा वारिस न होगा, तेरा जो निज पुत्र होगा, वही तेरा वारिस होगा।” और उसने उसको बाहर ले जा के कहा, “आकाश की ओर दृष्‍टि करके तारागण को गिन, क्या तू उनको गिन सकता है?” फिर उसने उससे कहा, “तेरा वंश ऐसा ही होगा।” उसने यहोवा पर विश्‍वास किया; और यहोवा ने इस बात को उसके लेखे में धर्म गिना। तब उसने उससे कहा, “मैं वही यहोवा हूँ जो तुझे कसदियों के ऊर नगर से बाहर ले आया, कि तुझ को इस देश का अधिकार दूँ।” उसने कहा, “हे प्रभु यहोवा, मैं कैसे जानूँ कि मैं इसका अधिकारी हूँगा?” यहोवा ने उससे कहा, “मेरे लिये तीन वर्ष की एक कलोर, और तीन वर्ष की एक बकरी, और तीन वर्ष का एक मेढ़ा, और एक पिण्डुक और कबूतर का एक बच्‍चा ले।” इन सभों को लेकर उसने बीच से दो टुकड़े कर दिया, और टुकड़ों को आमने–सामने रखा; पर चिड़ियों के उसने टुकड़े नहीं किए। जब मांसाहारी पक्षी लोथों पर झपटे, तब अब्राम ने उन्हें उड़ा दिया। जब सूर्य अस्त होने लगा, तब अब्राम को भारी नींद आई; और देखो, अत्यन्त भय और महा अन्धकार ने उसे छा लिया। तब यहोवा ने अब्राम से कहा, “यह निश्‍चय जान कि तेरे वंश पराए देश में परदेशी होकर रहेंगे, और उस देश के लोगों के दास हो जाएँगे; और वे उनको चार सौ वर्ष तक दु:ख देंगे। फिर जिस देश के वे दास होंगे उसको मैं दण्ड दूँगा : और उसके पश्‍चात् वे बड़ा धन वहाँ से लेकर निकल आएँगे। तू तो अपने पितरों में कुशल के साथ मिल जाएगा; तुझे पूरे बुढ़ापे में मिट्टी दी जाएगी। पर वे चौथी पीढ़ी में यहाँ फिर आएँगे : क्योंकि अब तक एमोरियों का अधर्म पूरा नहीं हुआ है।” और ऐसा हुआ कि जब सूर्य अस्त हो गया और घोर अन्धकार छा गया, तब एक अंगीठी जिसमें से धूआँ उठता था और एक जलती हुई मशाल दिखाई दी जो उन टुकड़ों के बीच में से होकर निकल गई। इसी दिन यहोवा ने अब्राम के साथ यह वाचा बाँधी, “मिस्र के महानद से लेकर परात नामक बड़े नद तक जितना देश है, अर्थात् केनियों, कनिज्जियों, कदमोनियों, हित्तियों, परीज्जियों, रपाइयों, एमोरियों, कनानियों, गिर्गाशियों और यबूसियों का देश मैं ने तेरे वंश को दिया है।”

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