यहेजकेल 18:1-9

यहेजकेल 18:1-9 HINOVBSI

फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा : “तुम लोग जो इस्राएल देश के विषय में यह कहावत कहते हो, ‘खट्टे अंगूर तो खाए पुरखा लोगों ने, परन्तु दाँत खट्टे हुए बच्‍चों के।’ इसका क्या अर्थ है? प्रभु यहोवा यों कहता है कि मेरे जीवन की शपथ, तुम को इस्राएल में फिर यह कहावत कहने का अवसर न मिलेगा। देखो, सभों के प्राण तो मेरे हैं, जैसा पिता का प्राण, वैसा ही पुत्र का भी प्राण है; दोनों मेरे ही हैं। इसलिये जो प्राणी पाप करे वही मर जाएगा। “जो कोई धर्मी हो, और न्याय और धर्म के काम करे, और न तो पहाड़ों के पूजा–स्थलों पर भोजन किया हो, न इस्राएल के घराने की मूरतों की ओर आँखें उठाई हों; न पराई स्त्री को बिगाड़ा हो, और न ऋतुमती के पास गया हो, और न किसी पर अन्धेर किया हो वरन् ऋणी को उसकी बन्धक लौटा दी हो, न किसी को लूटा हो, वरन् भूखे को अपनी रोटी दी हो और नंगे को कपड़ा ओढ़ाया हो, न ब्याज पर रुपया दिया हो, न रुपए की बढ़ती ली हो, और अपना हाथ कुटिल काम से रोका हो, मनुष्य के बीच सच्‍चाई से न्याय किया हो, और मेरी विधियों पर चलता और मेरे नियमों को मानता हुआ सच्‍चाई से काम किया हो, ऐसा मनुष्य धर्मी है, वह निश्‍चय जीवित रहेगा, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।