निर्गमन 3:1-20

निर्गमन 3:1-20 HINOVBSI

मूसा अपने ससुर यित्रो नामक मिद्यान के याजक की भेड़–बकरियों को चराता था; और वह उन्हें जंगल की पश्‍चिमी ओर होरेब नामक परमेश्‍वर के पर्वत के पास ले गया। और परमेश्‍वर के दूत ने एक कटीली झाड़ी के बीच आग की लौ में उसको दर्शन दिया; और उसने दृष्‍टि उठाकर देखा कि झाड़ी जल रही है, पर भस्म नहीं होती। तब मूसा ने कहा, “मैं उधर जाकर इस बड़े आश्‍चर्य को देखूँगा कि वह झाड़ी क्यों नहीं जल जाती।” जब यहोवा ने देखा कि मूसा देखने को मुड़ा चला आता है, तब परमेश्‍वर ने झाड़ी के बीच से उसको पुकारा, “हे मूसा, हे मूसा!” मूसा ने कहा, “क्या आज्ञा।” उसने कहा, “इधर पास मत आ; और अपने पाँवों से जूतियों को उतार दे, क्योंकि जिस स्थान पर तू खड़ा है वह पवित्र भूमि है।” फिर उसने कहा, “मैं तेरे पिता का परमेश्‍वर, और अब्राहम का परमेश्‍वर, इसहाक का परमेश्‍वर, और याक़ूब का परमेश्‍वर हूँ।” तब मूसा ने जो परमेश्‍वर की ओर देखने से डरता था, अपना मुँह ढाँप लिया। फिर यहोवा ने कहा, “मैं ने अपनी प्रजा के लोग जो मिस्र में हैं, उनके दु:ख को निश्‍चय देखा है; और उनकी जो चिल्‍लाहट परिश्रम करानेवालों के कारण होती है उसको भी मैं ने सुना है, और उनकी पीड़ा पर मैं ने चित्त लगाया है; इसलिये अब मैं उतर आया हूँ कि उन्हें मिस्रियों के वश से छुड़ाऊँ, और उस देश से निकालकर एक अच्छे और बड़े देश में, जिसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं, अर्थात् कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिब्बी, और यबूसी लोगों के स्थान में पहुँचाऊँ। इसलिये अब सुन, इस्राएलियों की चिल्‍लाहट मुझे सुनाई पड़ी है, और मिस्रियों का उन पर अन्धेर करना भी मुझे दिखाई पड़ा है। इसलिये आ, मैं तुझे फ़िरौन के पास भेजता हूँ कि तू मेरी इस्राएली प्रजा को मिस्र से निकाल ले आए।” परन्तु मूसा ने परमेश्‍वर से कहा, “मैं कौन हूँ जो फ़िरौन के पास जाऊँ, और इस्राएलियों को मिस्र से निकाल ले आऊँ?” उसने कहा, “निश्‍चय मैं तेरे संग रहूँगा; और इस बात का कि तेरा भेजनेवाला मैं हूँ, तेरे लिये यह चिह्न होगा कि जब तू उन लोगों को मिस्र से निकाल चुके, तब तुम इसी पहाड़ पर परमेश्‍वर की उपासना करोगे।” मूसा ने परमेश्‍वर से कहा, “जब मैं इस्राएलियों के पास जाकर उनसे कहूँ, ‘तुम्हारे पितरों के परमेश्‍वर ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है,’ तब यदि वे मुझ से पूछें, ‘उसका क्या नाम है?’ तब मैं उनको क्या बताऊँ?” परमेश्‍वर ने मूसा से कहा, “मैं जो हूँ सो हूँ।” फिर उसने कहा, “तू इस्राएलियों से यह कहना, ‘जिसका नाम मैं हूँ है उसी ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है’।” फिर परमेश्‍वर ने मूसा से यह भी कहा, “तू इस्राएलियों से यह कहना, ‘तुम्हारे पितरों का परमेश्‍वर, अर्थात् अब्राहम का परमेश्‍वर, इसहाक का परमेश्‍वर, और याक़ूब का परमेश्‍वर, यहोवा, उसी ने मुझ को तुम्हारे पास भेजा है। देख, सदा तक मेरा नाम यही रहेगा, और पीढ़ी पीढ़ी में मेरा स्मरण इसी से हुआ करेगा।’ इसलिये अब जाकर इस्राएली पुरनियों को इकट्ठा कर, और उनसे कह, ‘तुम्हारे पितर अब्राहम, इसहाक, और याक़ूब के परमेश्‍वर, यहोवा ने मुझे दर्शन देकर यह कहा है कि मैं ने तुम पर और तुम से जो बर्ताव मिस्र में किया जाता है उस पर भी चित्त लगाया है; और मैं ने ठान लिया है कि तुम को मिस्र के दु:खों में से निकालकर कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिब्बी, और यबूसी लोगों के देश में ले चलूँगा, जो ऐसा देश है कि जिसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं।’ तब वे तेरी मानेंगे; और तू इस्राएली पुरनियों को संग लेकर मिस्र के राजा के पास जाकर उस से यों कहना, ‘इब्रियों के परमेश्‍वर, यहोवा से हम लोगों की भेंट हुई है; इसलिये अब हम को तीन दिन के मार्ग पर जंगल में जाने दे कि अपने परमेश्‍वर यहोवा को बलिदान चढ़ाएँ।’ मैं जानता हूँ कि मिस्र का राजा तुम को जाने न देगा, वरन् बड़े बल से दबाए जाने पर भी जाने न देगा। इसलिये मैं हाथ बढ़ाकर उन सब आश्‍चर्यकर्मों से, जो मिस्र के बीच करूँगा, उस देश को मारूँगा; और उसके पश्‍चात् वह तुम को जाने देगा।

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