निर्गमन 2:11-16

निर्गमन 2:11-16 HINOVBSI

ऐसा हुआ कि जब मूसा जवान हुआ, और बाहर अपने भाई–बन्धुओं के पास जाकर उनके दु:खों पर दृष्‍टि करने लगा; तब उसने देखा कि एक मिस्री जन उसके एक इब्री भाई को मार रहा है। उसने इधर उधर देखा कि कोई नहीं है, तो उस मिस्री को मार डाला और बालू में छिपा दिया। फिर दूसरे दिन बाहर जाकर उसने देखा कि दो इब्री पुरुष आपस में मारपीट कर रहे हैं। उसने अपराधी से कहा, “तू अपने भाई को क्यों मारता है?” उसने कहा, “किसने तुझे हम लोगों पर हाकिम और न्यायी ठहराया? जिस भाँति तू ने मिस्री को घात किया, क्या उसी भाँति तू मुझे भी घात करना चाहता है?” तब मूसा यह सोचकर डर गया, “निश्‍चय वह बात खुल गई है।” जब फ़िरौन ने यह बात सुनी तब मूसा को घात करने की युक्‍ति की। तब मूसा फ़िरौन के सामने से भागा, और मिद्यान देश में जाकर रहने लगा; और वह वहाँ एक कुएँ के पास बैठ गया। मिद्यान के याजक की सात बेटियाँ थीं; और वे वहाँ आकर जल भरने लगीं कि कठौतों में भर के अपने पिता की भेड़–बकरियों को पिलाएँ।