सभोपदेशक 2:22-23
सभोपदेशक 2:22-23 HINOVBSI
मनुष्य जो धरती पर* मन लगा लगाकर परिश्रम करता है उससे उसको क्या लाभ होता है? उसके सब दिन तो दु:खों से भरे रहते हैं, और उसका काम खेद के साथ होता है; रात को भी उसका मन चैन नहीं पाता। यह भी व्यर्थ ही है।
मनुष्य जो धरती पर* मन लगा लगाकर परिश्रम करता है उससे उसको क्या लाभ होता है? उसके सब दिन तो दु:खों से भरे रहते हैं, और उसका काम खेद के साथ होता है; रात को भी उसका मन चैन नहीं पाता। यह भी व्यर्थ ही है।