व्यवस्थाविवरण 6:20-25

व्यवस्थाविवरण 6:20-25 HINOVBSI

“फिर आगे को जब तेरा लड़का तुझ से पूछे, ‘ये चेतावनियाँ और विधि और नियम, जिनके मानने की आज्ञा हमारे परमेश्‍वर यहोवा ने तुम को दी है, इनका प्रयोजन क्या है?’ तब अपने लड़के से कहना, ‘जब हम मिस्र में फ़िरौन के दास थे, तब यहोवा बलवन्त हाथ से हम को मिस्र में से निकाल ले आया; और यहोवा ने हमारे देखते मिस्र में फ़िरौन और उसके सारे घराने को दु:ख देनेवाले बड़े बड़े चिह्न और चमत्कार दिखाए; और हम को वह वहाँ से निकाल लाया, इसलिये कि हमें इस देश में पहुँचाकर, जिसके विषय में उसने हमारे पूर्वजों से शपथ खाई थी, इसको हमें सौंप दे। और यहोवा ने हमें ये सब विधियाँ पालन करने की आज्ञा दी, इसलिये कि हम अपने परमेश्‍वर यहोवा का भय मानें, और इस रीति सदैव हमारा भला हो, और वह हम को जीवित रखे, जैसा कि आज के दिन है। और यदि हम अपने परमेश्‍वर यहोवा की दृष्‍टि में उसकी आज्ञा के अनुसार इन सारे नियमों के मानने में चौकसी करें, तो यह हमारे लिये धर्म ठहरेगा।’