तब यहोवा ने उस तम्बू में बादल के खम्भे में होकर दर्शन दिया; और बादल का खम्भा तम्बू के द्वार पर ठहर गया। तब यहोवा ने मूसा से कहा, “तू तो अपने पुरखाओं के संग सो जाने पर है; और ये लोग उठकर उस देश के पराये देवताओं के पीछे, जिनके मध्य वे जाकर रहेंगे, व्यभिचारी हो जाएँगे, और मुझे त्यागकर उस वाचा को जो मैं ने उनसे बाँधी है तोड़ेंगे। उस समय मेरा कोप इन पर भड़केगा, और मैं भी इन्हें त्यागकर इनसे अपना मुँह छिपा लूँगा, और ये आहार हो जाएँगे; और बहुत सी विपत्तियाँ और क्लेश इन पर आ पड़ेंगे, यहाँ तक कि ये उस समय कहेंगे, ‘क्या ये विपत्तियाँ हम पर इस कारण तो नहीं आ पड़ीं, क्योंकि हमारा परमेश्वर हमारे मध्य में नहीं रहा? उस समय मैं उन सब बुराइयों के कारण जो ये पराये देवताओं की ओर फिरकर करेंगे, नि:सन्देह उनसे अपना मुँह छिपा लूँगा। इसलिये अब तुम यह गीत लिख लो, और तू इसे इस्राएलियों को सिखाकर कंठस्थ करा देना, इसलिये कि यह गीत उनके विरुद्ध मेरा साक्षी ठहरे। जब मैं इनको उस देश में पहुँचाऊँगा जिसे देने की मैं ने इनके पूर्वजों से शपथ खाई थी, और जिसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं, और खाते–खाते इनका पेट भर जाए, और ये हृष्ट–पुष्ट हो जाएँगे; तब ये पराये देवताओं की ओर फिरकर उनकी उपासना करने लगेंगे, और मेरा तिरस्कार करके मेरी वाचा को तोड़ देंगे। वरन् अभी भी जब मैं इन्हें उस देश में जिसके विषय मैं ने शपथ खाई है, पहुँचा नहीं चुका, मुझे मालूम है कि ये क्या क्या कल्पना कर रहे हैं; इसलिये जब बहुत सी विपत्तियाँ और क्लेश इन पर आ पड़ेंगे, तब यह गीत इन पर साक्षी देगा, क्योंकि इनकी सन्तान इसको कभी भी नहीं भूलेगी।” तब मूसा ने उसी दिन यह गीत लिखकर इस्राएलियों को सिखाया।
व्यवस्थाविवरण 31 पढ़िए
सुनें - व्यवस्थाविवरण 31
शेयर
सभी संस्करण की तुलना करें: व्यवस्थाविवरण 31:15-22
छंद सहेजें, ऑफ़लाइन पढ़ें, शिक्षण क्लिप देखें, और बहुत कुछ!
होम
बाइबिल
योजनाएँ
वीडियो