दानिय्येल 10:2-6

दानिय्येल 10:2-6 HINOVBSI

उन दिनों मैं, दानिय्येल, तीन सप्‍ताह तक शोक करता रहा। उन तीन सप्‍ताहों के पूरे होने तक, मैं ने न तो स्वादिष्‍ट भोजन किया और न मांस या दाखमधु अपने मुँह में रखा, और न अपनी देह में कुछ तेल लगाया। फिर पहले महीने के चौबीसवें दिन को जब मैं हिद्देकेल नामक नदी के तट पर था, तब मैं ने आँखें उठाकर देखा, कि सन का वस्त्र पहिने हुए, और ऊफाज़ देश के कुन्दन से कमर बाँधे हुए एक पुरुष खड़ा है। उसका शरीर फीरोज़ा के समान, उसका मुख बिजली के समान, उसकी आँखें जलते हुए दीपक की सी, उसकी बाहें और पाँव चमकाए हुए पीतल के से, और उसके वचनों का शब्द भीड़ों के शब्द का सा था।

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