प्रेरितों 9:32-43

प्रेरितों 9:32-43 HINOVBSI

फिर ऐसा हुआ कि पतरस हर जगह फिरता हुआ, उन पवित्र लोगों के पास भी पहुँचा जो लुद्दा में रहते थे। वहाँ उसे एनियास नामक लकवे का रोगी एक मनुष्य मिला, जो आठ वर्ष से खाट पर पड़ा था। पतरस ने उससे कहा, “हे एनियास! यीशु मसीह तुझे चंगा करता है। उठ, अपना बिछौना बिछा।” तब वह तुरन्त उठ खड़ा हुआ। तब लुद्दा और शारोन के सब रहनेवाले उसे देखकर प्रभु की ओर फिरे। याफा में तबीता अर्थात् दोरकास नामक एक विश्‍वासिनी रहती थी। वह बहुत से भले–भले काम और दान किया करती थी। उन्हीं दिनों में वह बीमार होकर मर गई; और उन्होंने उसे नहलाकर अटारी पर रख दिया। इसलिये कि लुद्दा याफा के निकट था, चेलों ने यह सुनकर कि पतरस वहाँ है, दो मनुष्य भेजकर उससे विनती की, “हमारे पास आने में देर न कर।” तब पतरस उठकर उनके साथ हो लिया, और जब वह पहुँचा तो वे उसे उस अटारी पर ले गए। सब विधवाएँ रोती हुई उसके पास आ खड़ी हुईं, और जो कुरते और कपड़े दोरकास ने उनके साथ रहते हुए बनाए थे, दिखाने लगीं। तब पतरस ने सब को बाहर कर दिया, और घुटने टेककर प्रार्थना की और शव की ओर देखकर कहा, “हे तबीता, उठ।” तब उसने अपनी आँखें खोल दीं; और पतरस को देखकर उठ बैठी। उसने हाथ देकर उसे उठाया, और पवित्र लोगों और विधवाओं को बुलाकर उसे जीवित दिखा दिया। यह बात सारे याफा में फैल गई; और बहुतेरों ने प्रभु पर विश्‍वास किया। और पतरस याफा में शमौन नामक किसी चमड़े का धन्धा करनेवाले के यहाँ बहुत दिन तक रहा।