जब पिन्तेकुस्त का दिन आया, तो वे सब एक जगह इकट्ठे थे। एकाएक आकाश से बड़ी आँधी की सी सनसनाहट का शब्द हुआ, और उससे सारा घर जहाँ वे बैठे थे, गूँज गया। और उन्हें आग की सी जीभें फटती हुई दिखाई दीं और उनमें से हर एक पर आ ठहरीं। वे सब पवित्र आत्मा से भर गए, और जिस प्रकार आत्मा ने उन्हें बोलने की सामर्थ्य दी, वे अन्य अन्य भाषा बोलने लगे।
आकाश के नीचे की हर एक जाति में से भक्त यहूदी यरूशलेम में रह रहे थे। जब यह शब्द हुआ तो भीड़ लग गई और लोग घबरा गए, क्योंकि हर एक को यही सुनाई देता था कि ये मेरी ही भाषा में बोल रहे हैं। वे सब चकित और अचम्भित होकर कहने लगे, “देखो, ये जो बोल रहे हैं क्या सब गलीली नहीं? तो फिर क्यों हम में से हर एक अपनी अपनी जन्म–भूमि की भाषा सुनता है? हम जो पारथी और मेदी और एलामी और मेसोपोटामिया और यहूदिया और कप्पदूकिया और पुन्तुस और आसिया, और फ्रूगिया और पंफूलिया और मिस्र और लीबिया देश जो कुरेने के आस पास है, इन सब देशों के रहनेवाले और रोमी प्रवासी, अर्थात् यहूदी और यहूदी मत धारण करनेवाले, क्रेती और अरबी भी हैं, परन्तु अपनी–अपनी भाषा में उनसे परमेश्वर के बड़े–बड़े कामों की चर्चा सुनते हैं।” और वे सब चकित हुए और घबराकर एक दूसरे से कहने लगे, “यह क्या हो रहा है?” परन्तु दूसरों ने ठट्ठा करके कहा, “वे तो नई मदिरा के नशे में चूर हैं।”
तब पतरस उन ग्यारह के साथ खड़ा हुआ और ऊँचे शब्द से कहने लगा, “हे यहूदियो और हे यरूशलेम के सब रहनेवालो, यह जान लो, और कान लगाकर मेरी बातें सुनो। जैसा तुम समझ रहे हो, ये लोग नशे में नहीं हैं, क्योंकि अभी तो पहर ही दिन चढ़ा है। परन्तु यह वह बात है, जो योएल भविष्यद्वक्ता के द्वारा कही गई थी :
‘परमेश्वर कहता है, कि अन्त के दिनों में
ऐसा होगा कि
मैं अपना आत्मा सब मनुष्यों पर उँडेलूँगा,
और तुम्हारे बेटे और तुम्हारी बेटियाँ
भविष्यद्वाणी करेंगी,
और तुम्हारे जवान दर्शन देखेंगे,
और तुम्हारे पुरनिए स्वप्न देखेंगे।
वरन् मैं अपने दासों और अपनी दासियों
पर भी
उन दिनों में अपने आत्मा में से उँडेलूँगा,
और वे भविष्यद्वाणी करेंगे।
और मैं ऊपर आकाश में अद्भुत काम
और नीचे धरती पर चिह्न,
अर्थात् लहू और आग और धूएँ का बादल
दिखाऊँगा।
प्रभु के महान् और तेजस्वी दिन के आने
से पहले सूर्य अंधेरा और चाँद लहू–सा
हो जाएगा।
और जो कोई प्रभु का नाम लेगा,
वह उद्धार पाएगा।’
“हे इस्राएलियो, ये बातें सुनो : यीशु नासरी एक मनुष्य था जिसका परमेश्वर की ओर से होने का प्रमाण उन सामर्थ्य के कामों और आश्चर्य के कामों और चिह्नों से प्रगट है, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बीच उसके द्वारा कर दिखाए जिसे तुम आप ही जानते हो। उसी यीशु को, जो परमेश्वर की ठहराई हुई योजना और पूर्व ज्ञान के अनुसार पकड़वाया गया, तुम ने अधर्मियों के हाथ से क्रूस पर चढ़वाकर मार डाला। परन्तु उसी को परमेश्वर ने मृत्यु के बन्धनों से छुड़ाकर जिलाया; क्योंकि यह अनहोना था कि वह उसके वश में रहता। क्योंकि दाऊद उसके विषय में कहता है,
‘मैं प्रभु को सर्वदा अपने सामने देखता
रहा क्योंकि वह मेरी दाहिनी ओर है,
ताकि मैं डिग न जाऊँ।
इसी कारण मेरा मन आनन्दित हुआ,
और मेरी जीभ मगन हुई;
वरन् मेरा शरीर भी आशा में बना रहेगा।
क्योंकि तू मेरे प्राणों को अधोलोक में
न छोड़ेगा;
और न अपने पवित्र जन को सड़ने ही
देगा।
तू ने मुझे जीवन का मार्ग बताया है;
तू मुझे अपने दर्शन के द्वारा आनन्द से
भर देगा।’
“हे भाइयो, मैं कुलपति दाऊद के विषय में तुम से साहस के साथ कह सकता हूँ कि वह तो मर गया और गाड़ा भी गया और उसकी कब्र आज तक हमारे यहाँ विद्यमान है। वह भविष्यद्वक्ता था, वह जानता था कि परमेश्वर ने मुझ से शपथ खाई है कि मैं तेरे वंश में से एक व्यक्ति को तेरे सिंहासन पर बैठाऊँगा; उसने होने वाली बात को पहले ही से देखकर मसीह के जी उठने के विषय में भविष्यद्वाणी की कि न तो उसका प्राण अधोलोक में छोड़ा गया और न उसकी देह सड़ने पाई। इसी यीशु को परमेश्वर ने जिलाया, जिसके हम सब गवाह हैं। इस प्रकार परमेश्वर के दाहिने हाथ से सर्वोच्च पद पाकर, और पिता से वह पवित्र आत्मा प्राप्त करके जिसकी प्रतिज्ञा की गई थी, उसने यह उंडेल दिया है जो तुम देखते और सुनते हो। क्योंकि दाऊद तो स्वर्ग पर नहीं चढ़ा; परन्तु वह आप कहता है,
‘प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा, मेरे दाहिने बैठ,
जब तक कि मैं तेरे बैरियों को तेरे
पाँवों तले की चौकी न कर दूँ।’
अत: अब इस्राएल का सारा घराना निश्चित रूप से जान ले कि परमेश्वर ने उसी यीशु को जिसे तुम ने क्रूस पर चढ़ाया, प्रभु भी ठहराया और मसीह भी।”
तब सुननेवालों के हृदय छिद गए, और वे पतरस और शेष प्रेरितों से पूछने लगे, “हे भाइयो, हम क्या करें?” पतरस ने उनसे कहा, “मन फिराओ, और तुम में से हर एक अपने अपने पापों की क्षमा के लिये यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले; तो तुम पवित्र आत्मा का दान पाओगे। क्योंकि यह प्रतिज्ञा तुम, और तुम्हारी सन्तानों, और उन सब दूर–दूर के लोगों के लिये भी है जिनको प्रभु हमारा परमेश्वर अपने पास बुलाएगा।” उस ने बहुत और बातों से भी गवाही दे देकर समझाया कि अपने आप को इस टेढ़ी जाति से बचाओ। अत: जिन्होंने उसका वचन ग्रहण किया उन्होंने बपतिस्मा लिया; और उसी दिन तीन हज़ार मनुष्यों के लगभग उनमें मिल गए। और वे प्रेरितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने, और रोटी तोड़ने, और प्रार्थना करने में लौलीन रहे।
और सब लोगों पर भय छा गया, और बहुत से अद्भुत काम और चिह्न प्रेरितों के द्वारा प्रगट होते थे। और सब विश्वास करनेवाले इकट्ठे रहते थे, और उनकी सब वस्तुएँ साझे में थीं। वे अपनी–अपनी सम्पत्ति और सामान बेच–बेचकर जैसी जिसकी आवश्यकता होती थी बाँट दिया करते थे। वे प्रतिदिन एक मन होकर मन्दिर में इकट्ठे होते थे, और घर–घर रोटी तोड़ते हुए आनन्द और मन की सीधाई से भोजन किया करते थे, और परमेश्वर की स्तुति करते थे, और सब लोग उनसे प्रसन्न थे : और जो उद्धार पाते थे, उनको प्रभु प्रतिदिन उनमें मिला देता था।