प्रेरितों 15:22-35

प्रेरितों 15:22-35 HINOVBSI

तब सारी कलीसिया सहित प्रेरितों और प्राचीनों को अच्छा लगा कि अपने में से कुछ मनुष्यों को चुनें, अर्थात् यहूदा जो बरसब्बा कहलाता है, और सीलास को जो भाइयों में मुखिया थे; और उन्हें पौलुस और बरनबास के साथ अन्ताकिया भेजें। उन्होंने उनके हाथ यह लिख भेजा : “अन्ताकिया और सीरिया और किलिकिया के रहनेवाले भाइयों को जो अन्यजातियों में से हैं, प्रेरितों और प्राचीन भाइयों का नमस्कार। हमने सुना है कि हम में से कुछ ने वहाँ जाकर, तुम्हें अपनी बातों से घबरा दिया; और तुम्हारे मन उलट दिए हैं परन्तु हम ने उनको आज्ञा नहीं दी थी। इसलिये हम ने एक चित्त होकर ठीक समझा कि चुने हुए मनुष्यों को अपने प्रिय बरनबास और पौलुस के साथ तुम्हारे पास भेजें। ये ऐसे मनुष्य हैं जिन्होंने अपने प्राण हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम के लिये जोखिम में डाले हैं। इसलिये हम ने यहूदा और सीलास को भेजा है, जो अपने मुँह से भी ये बातें कह देंगे। पवित्र आत्मा को और हम को ठीक जान पड़ा कि इन आवश्यक बातों को छोड़, तुम पर और बोझ न डालें; कि तुम मूरतों पर बलि किए हुओं से और लहू से, और गला घोंटे हुओं के मांस से, और व्यभिचार से दूर रहो। इनसे दूर रहो तो तुम्हारा भला होगा। आगे शुभ।” फिर वे विदा होकर अन्ताकिया पहुँचे, और सभा को इकट्ठी करके वह पत्री उन्हें दे दी। वे पत्री पढ़कर उस उपदेश की बात से अति आनन्दित हुए। यहूदा और सीलास ने जो आप भी भविष्यद्वक्‍ता थे, बहुत बातों से भाइयों को उपदेश देकर स्थिर किया। वे कुछ दिन रहकर, भाइयों से शान्ति के साथ विदा हुए कि अपने भेजनेवालों के पास जाएँ। (परन्तु सीलास को वहाँ रहना अच्छा लगा।) परन्तु पौलुस और बरनबास अन्ताकिया में रह गए : और अन्य बहुत से लोगों के साथ प्रभु के वचन का उपदेश करते और सुसमाचार सुनाते रहे।