प्रेरितों 12:5-11

प्रेरितों 12:5-11 HINOVBSI

बन्दीगृह में पतरस बन्द था; परन्तु कलीसिया उसके लिये लौ लगाकर परमेश्‍वर से प्रार्थना कर रही थी। जब हेरोदेस उसे लोगों के सामने लाने को था, उसी रात पतरस दो जंजीरों से बंधा हुआ दो सिपाहियों के बीच में सो रहा था; और पहरुए द्वार पर बन्दीगृह की रखवाली कर रहे थे। तो देखो, प्रभु का एक स्वर्गदूत आ खड़ा हुआ और उस कोठरी में ज्योति चमकी, और उसने पतरस की पसली पर हाथ मार के उसे जगाया और कहा, “उठ, जल्दी कर।” और उसके हाथों से जंजीरें खुलकर गिर पड़ीं। तब स्वर्गदूत ने उससे कहा, “कमर बाँध, और अपने जूते पहिन ले।” उसने वैसा ही किया। फिर उसने उससे कहा, “अपना वस्त्र पहिनकर मेरे पीछे हो ले।” वह निकलकर उसके पीछे हो लिया; परन्तु यह न जानता था कि जो कुछ स्वर्गदूत कर रहा है वह सच है, वरन् यह समझा कि मैं दर्शन देख रहा हूँ। तब वे पहले और दूसरे पहरे से निकलकर उस लोहे के फाटक पर पहुँचे, जो नगर की ओर है। वह उनके लिये आप से आप खुल गया, और वे निकलकर एक ही गली होकर गए, और तुरन्त ही स्वर्गदूत उसे छोड़कर चला गया। तब पतरस ने सचेत होकर कहा, “अब मैं ने सच जान लिया है कि प्रभु ने अपना स्वर्गदूत भेजकर मुझे हेरोदेस के हाथ से छुड़ा लिया, और यहूदियों की सारी आशा तोड़ दी है।”