3 यूहन्ना 1:5-12

3 यूहन्ना 1:5-12 HINOVBSI

हे प्रिय, जो कुछ तू उन भाइयों के साथ करता है, जो परदेशी हैं, उसे विश्‍वासी के रूप में करता है। उन्होंने कलीसिया के सामने तेरे प्रेम की गवाही दी है। यदि तू उन्हें उस प्रकार विदा करेगा जिस प्रकार परमेश्‍वर के लोगों के लिये उचित है तो अच्छा करेगा। क्योंकि वे उस नाम के लिये निकले हैं, और अन्यजातियों से कुछ नहीं लेते। इसलिये ऐसों का स्वागत करना चाहिए, जिससे हम भी सत्य के पक्ष में उनके सहकर्मी हों। मैं ने कलीसिया को कुछ लिखा था, पर दियुत्रिफेस जो उनमें बड़ा बनना चाहता है, हमें ग्रहण नहीं करता। इसलिये जब मैं आऊँगा तो उसके कामों की जो वह कर रहा है, सुधि दिलाऊँगा, कि वह हमारे विषय में बुरी–बुरी बातें बकता है; और इस पर भी सन्तोष न करके आप ही भाइयों को ग्रहण नहीं करता, और उन्हें जो ग्रहण करना चाहते हैं मना करता है और कलीसिया से निकाल देता है। हे प्रिय, बुराई के नहीं पर भलाई के अनुयायी हो। जो भलाई करता है, वह परमेश्‍वर की ओर से है; पर जो बुराई करता है, उसने परमेश्‍वर को नहीं देखा। दिमेत्रियुस के विषय में सब ने, वरन् सत्य ने भी आप ही गवाही दी; और हम भी गवाही देते हैं, और तू जानता है कि हमारी गवाही सच्‍ची है।

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