2 शमूएल 21:1-14

2 शमूएल 21:1-14 HINOVBSI

दाऊद के दिनों में लगातार तीन वर्ष तक अकाल पड़ा; तो दाऊद ने यहोवा से प्रार्थना की। यहोवा ने कहा, “यह शाऊल और उसके खूनी घराने के कारण हुआ, क्योंकि उसने गिबोनियों को मरवा डाला था।” तब राजा ने गिबोनियों को बुलाकर उनसे बातें कीं। गिबोनी लोग इस्राएलियों में से नहीं थे, वे बचे हुए एमोरियों में से थे; और इस्राएलियों ने उनके साथ शपथ खाई थी, परन्तु शाऊल को जो इस्राएलियों और यहूदियों के लिये जलन हुई थी, इससे उसने उन्हें मार डालने का यत्न किया था। तब दाऊद ने गिबोनियों से पूछा, “मैं तुम्हारे लिये क्या करूँ? और क्या करके ऐसा प्रायश्‍चित करूँ, कि तुम यहोवा के निज भाग को आशीर्वाद दे सको?” गिबोनियों ने उससे कहा, “हमारे और शाऊल या उसके घराने के मध्य रुपये पैसे का कोई झगड़ा नहीं; और न हमारा काम है कि किसी इस्राएली को मार डालें।” उसने कहा, “जो कुछ तुम कहो, वही मैं तुम्हारे लिये करूँगा।” उन्होंने राजा से कहा, “जिस पुरुष ने हम को नष्‍ट कर दिया, और हमारे विरुद्ध ऐसी युक्‍ति की कि हमारा ऐसा सत्यानाश हो जाए, कि इस्राएल के देश में आगे को न रह सकें, उसके वंश के सात जन हमें सौंप दिए जाएँ, और हम उन्हें यहोवा के लिये यहोवा के चुने हुए शाऊल की गिबा नामक बस्ती में फाँसी देंगे।” राजा ने कहा, “मैं उनको सौंप दूँगा।” परन्तु दाऊद ने और शाऊल के पुत्र योनातान ने आपस में यहोवा की शपथ खाई थी, इस कारण राजा ने योनातान के पुत्र मपीबोशेत को जो शाऊल का पोता था बचा रखा। परन्तु अर्मोनी और मपीबोशेत नामक, अय्या की बेटी रिस्पा के दोनों पुत्र जो शाऊल से उत्पन्न हुए थे; और शाऊल की बेटी मेरब के पाँचों बेटे, जो महोलवासी बर्जिल्‍लै के पुत्र अद्रीएल की ओर से थे, इनको राजा ने पकड़वाकर गिबोनियों के हाथ सौंप दिया, और उन्होंने उन्हें पहाड़ पर यहोवा के सामने फाँसी दी, और सातों एक साथ नष्‍ट हुए। उनका मार डाला जाना कटनी के पहले दिनों में, अर्थात् जौ की कटनी के आरम्भ में हुआ। तब अय्या की बेटी रिस्पा ने टाट लेकर, कटनी के आरम्भ से लेकर जब तक आकाश से उन पर वर्षा न हुई, तब तक चट्टान पर उसे अपने नीचे बिछाये रही; और न तो दिन में आकाश के पक्षियों को, और न रात में बनैले पशुओं को उन्हें छूने दिया। जब अय्या की बेटी शाऊल की रखेल रिस्पा के इस काम का समाचार दाऊद को मिला, तब दाऊद ने जाकर शाऊल और उसके पुत्र योनातान की हड्डियों को गिलादी याबेश के लोगों से ले लिया, जिन्होंने उन्हें बेतशान के उस चौक से चुरा लिया था, जहाँ पलिश्तियों ने उन्हें उस दिन टाँगा था, जब उन्होंने शाऊल को गिल्बो पहाड़ पर मार डाला था। वह वहाँ से शाऊल और उसके पुत्र योनातान की हड्डियों को ले आया; और फाँसी पाए हुओं की हड्डियाँ भी इकट्ठी की गईं। तब शाऊल और उसके पुत्र योनातान की हड्डियाँ बिन्यामीन के देश के जेला में शाऊल के पिता कीश के क़ब्रिस्तान में गाड़ी गईं; और दाऊद की सब आज्ञाओं के अनुसार काम हुआ। उसके बाद परमेश्‍वर ने देश के लिये प्रार्थना सुन ली।

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