2 कुरिन्थियों 8:7-24

2 कुरिन्थियों 8:7-24 HINOVBSI

इसलिये जैसे तुम हर बात में अर्थात् विश्‍वास, वचन, ज्ञान और सब प्रकार के यत्न में, और उस प्रेम में जो हम से रखते हो, बढ़ते जाते हो, वैसे ही इस दान के काम में भी बढ़ते जाओ। मैं आज्ञा की रीति पर तो नहीं, परन्तु दूसरों के उत्साह से तुम्हारे प्रेम की सच्‍चाई को परखने के लिये कहता हूँ। तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह जानते हो कि वह धनी होकर भी तुम्हारे लिये कंगाल बन गया, ताकि उसके कंगाल हो जाने से तुम धनी हो जाओ। इस बात में मेरी सलाह यही है : यह तुम्हारे लिये अच्छा है, जो एक वर्ष से न तो केवल इस काम को करने ही में, परन्तु इस बात के चाहने में भी प्रथम हुए थे, इसलिये अब यह काम पूरा करो कि जैसा इच्छा करने में तुम तैयार थे, वैसा ही अपनी अपनी पूंजी के अनुसार पूरा भी करो। क्योंकि यदि मन की तैयारी हो तो दान उसके अनुसार ग्रहण भी होता है जो उसके पास है, न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं। यह नहीं कि दूसरों को चैन और तुम को क्लेश मिले, परन्तु बराबरी के विचार से इस समय तुम्हारी बढ़ती उनकी घटी में काम आए, ताकि उनकी बढ़ती भी तुम्हारी घटी में काम आए कि बराबरी हो जाए। जैसा लिखा है, “जिसने बहुत बटोरा उसका कुछ अधिक न निकला, और जिसने थोड़ा बटोरा उसका कुछ कम न निकला।” परमेश्‍वर का धन्यवाद हो, जिसने तुम्हारे लिये वही उत्साह तीतुस के हृदय में डाल दिया है कि उसने हमारा समझाना मान लिया वरन् बहुत उत्साही होकर वह अपनी इच्छा से तुम्हारे पास गया है। हम ने उसके साथ उस भाई को भी भेजा है जिसका नाम सुसमाचार के विषय में सब कलीसिया में फैला हुआ है; और इतना ही नहीं, परन्तु वह कलीसिया द्वारा ठहराया भी गया कि इस दान के काम के लिये हमारे साथ जाए। हम यह सेवा इसलिये करते हैं कि प्रभु की महिमा और हमारे मन की तैयारी प्रगट हो जाए। हम इस बात में चौकस रहते हैं कि इस उदारता के काम के विषय में जिसकी सेवा हम करते हैं, कोई हम पर दोष न लगाने पाए। क्योंकि जो बातें केवल प्रभु ही के निकट नहीं, परन्तु मनुष्यों के निकट भी भली हैं हम उनकी चिन्ता करते हैं। हम ने उसके साथ अपने भाई को भी भेजा है, जिसको हम ने बार–बार परख के बहुत बातों में उत्साही पाया है; परन्तु अब तुम पर उसको बड़ा भरोसा है, इस कारण वह और भी अधिक उत्साही है। यदि कोई तीतुस के विषय में पूछे, तो वह मेरा साथी और तुम्हारे लिये मेरा सहकर्मी है; और यदि हमारे भाइयों के विषय में पूछे, तो वे कलीसियाओं के भेजे हुए और मसीह की महिमा हैं। अत: अपना प्रेम और हमारा वह घमण्ड जो तुम्हारे विषय में है कलीसियाओं के सामने सिद्ध करके उन्हें दिखाओ।