2 कुरिन्थियों 6:1-13

2 कुरिन्थियों 6:1-13 HINOVBSI

हम जो परमेश्‍वर के सहकर्मी हैं यह भी समझाते हैं कि उसका अनुग्रह जो तुम पर हुआ, उसे व्यर्थ न जाने दो। क्योंकि वह तो कहता है, “अपनी प्रसन्नता के समय मैं ने तेरी सुन ली, और उद्धार के दिन मैं ने तेरी सहायता की।” देखो, अभी वह प्रसन्नता का समय है; देखो, अभी वह उद्धार का दिन है। हम किसी बात में ठोकर खाने का कोई भी अवसर नहीं देते ताकि हमारी सेवा पर कोई दोष न आए। परन्तु हर बात से परमेश्‍वर के सेवकों के समान अपने सद्गुणों को प्रगट करते हैं, बड़े धैर्य से, क्लेशों से, दरिद्रता से, संकटों से, कोड़े खाने से, कैद होने से, हुल्‍लड़ों से, परिश्रम से, जागते रहने से, उपवास करने से, पवित्रता से, ज्ञान से, धीरज से, कृपालुता से, पवित्र आत्मा से, सच्‍चे प्रेम से, सत्य के वचन से, परमेश्‍वर की सामर्थ्य से, धार्मिकता के हथियारों से जो दाहिने–बाएँ हाथों में हैं, आदर और निरादर से, दुर्नाम और सुनाम से। यद्यपि भरमानेवालों जैसे मालूम होते हैं तौभी सच्‍चे हैं; अनजानों के सदृश हैं, तौभी प्रसिद्ध हैं; मरते हुओं के समान हैं और देखो जीवित हैं; मारखानेवालों के सदृश हैं परन्तु प्राण से मारे नहीं जाते; शोक करनेवालों के समान हैं, परन्तु सर्वदा आनन्द करते हैं; कंगालों के समान हैं, परन्तु बहुतों को धनवान बना देते हैं; ऐसे हैं जैसे हमारे पास कुछ नहीं तौभी सब कुछ रखते हैं। हे कुरिन्थियो, हम ने खुलकर तुम से बातें की हैं, हमारा हृदय तुम्हारी ओर खुला हुआ है। तुम्हारे लिये हमारे मन में कोई संकोच नहीं, पर तुम्हारे ही मनों में संकोच है। पर अपने बच्‍चे जानकर तुम से कहता हूँ कि तुम भी उसके बदले में अपना हृदय खोल दो।

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