2 कुरिन्थियों 11:23-30

2 कुरिन्थियों 11:23-30 HINOVBSI

क्या वे ही मसीह के सेवक हैं–मैं पागल के समान कहता हूँ–मैं उनसे बढ़कर हूँ! अधिक परिश्रम करने में; बार बार कैद होने में; कोड़े खाने में; बार बार मृत्यु के जोखिमों में। पाँच बार मैं ने यहूदियों के हाथ से उन्तालीस उन्तालीस कोड़े खाए। तीन बार मैं ने बेंतें खाईं; एक बार मुझ पर पथराव किया गया; तीन बार जहाज, जिन पर मैं चढ़ा था, टूट गए; एक रात–दिन मैं ने समुद्र में काटा। मैं बार बार यात्राओं में; नदियों के जोखिमों में; डाकुओं के जोखिमों में; अपने जातिवालों से जोखिमों में; अन्यजातियों से जोखिमों में; नगरों के जोखिमों में; जंगल के जोखिमों में; समुद्र के जोखिमों में; झूठे भाइयों के बीच जोखिमों में रहा। परिश्रम और कष्‍ट में; बार बार जागते रहने में; भूख–प्यास में; बार बार उपवास करने में; जाड़े में; उघाड़े रहने में; और अन्य बातों को छोड़कर जिनका वर्णन मैं नहीं करता, सब कलीसियाओं की चिन्ता प्रतिदिन मुझे दबाती है। किसकी निर्बलता से मैं निर्बल नहीं होता? किसके ठोकर खाने से मेरा जी नहीं दुखता? यदि घमण्ड करना अवश्य है, तो मैं अपनी निर्बलता की बातों पर घमण्ड करूँगा।

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