2 इतिहास 16:1-9

2 इतिहास 16:1-9 HINOVBSI

आसा के राज्य के छत्तीसवें वर्ष में इस्राएल के राजा बाशा ने यहूदा पर चढ़ाई की और रामा को इसलिये दृढ़ किया कि यहूदा के राजा आसा के पास कोई आने जाने न पाए। तब आसा ने यहोवा के भवन और राजभवन के भण्डारों में से चाँदी–सोना निकाल दमिश्कवासी अराम के राजा बेन्हदद के पास दूत भेजकर यह कहा, “जैसे मेरे–तेरे पिता के बीच वैसे ही मेरे–तेरे बीच भी वाचा बन्धे; देख मैं तेरे पास चाँदी–सोना भेजता हूँ, इसलिये आ, इस्राएल के राजा बाशा के साथ की अपनी वाचा को तोड़ दे, ताकि वह मुझ से दूर हो।” बेन्हदद ने राजा आसा की यह बात मानकर, अपने दलों के प्रधानों से इस्राएली नगरों पर चढ़ाई करवाकर इय्योन, दान, आबेल्मैम और नप्‍ताली के सब भण्डारवाले नगरों को जीत लिया। यह सुनकर बाशा ने रामा को दृढ़ करना छोड़ दिया, और अपना वह काम बन्द करा दिया। तब राजा आसा ने पूरे यहूदा देश को साथ लिया और रामा के पत्थरों और लकड़ी को, जिन से बाशा काम करता था, उठा ले गया, और उनसे उसने गेवा, और मिस्पा को दृढ़ किया। उस समय हनानी दर्शी यहूदा के राजा आसा के पास जाकर कहने लगा, “तू ने जो अपने परमेश्‍वर यहोवा पर भरोसा नहीं रखा वरन् अराम के राजा ही पर भरोसा रखा है, इस कारण अराम के राजा की सेना तेरे हाथ से बच गई है। क्या कूशियों और लूबियों की सेना बड़ी न थी, और क्या उसमें बहुत से रथ, और सवार न थे? तौभी तू ने यहोवा पर भरोसा रखा था, इस कारण उसने उनको तेरे हाथ में कर दिया। देख, यहोवा की दृष्‍टि सारी पृथ्वी पर इसलिये फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपनी सामर्थ्य दिखाए। तू ने यह काम मूर्खता से किया है, इसलिये अब से तू लड़ाइयों में फँसा रहेगा।”