इसलिये तुम, हे भाइयो, परमेश्वर की उन कलीसियाओं की सी चाल चलने लगे जो यहूदिया में मसीह यीशु में हैं, क्योंकि तुम ने भी अपने लोगों से वैसा ही दु:ख पाया जैसा उन्होंने यहूदियों से पाया था, जिन्होंने प्रभु यीशु को और भविष्यद्वक्ताओं को भी मार डाला और हम को सताया, और परमेश्वर उन से प्रसन्न नहीं, और वे सब मनुष्यों का विरोध करते हैं, और वे अन्यजातियों से उनके उद्धार के लिये बातें करने से हमें रोकते हैं कि सदा अपने पापों का नपुआ भरते रहें; पर उन पर परमेश्वर का भयानक प्रकोप आ पहुँचा है। हे भाइयो, जब हम थोड़ी देर के लिये, मन में नहीं वरन् प्रगट में, तुम से अलग हो गए थे, तो हम ने बड़ी लालसा के साथ तुम्हारा मुँह देखने के लिये और भी अधिक यत्न किया। इसलिये हम ने (अर्थात् मुझ पौलुस ने) एक बार नहीं वरन् दो बार तुम्हारे पास आना चाहा, परन्तु शैतान हमें रोके रहा। भला हमारी आशा या आनन्द या बड़ाई का मुकुट क्या है? क्या हमारे प्रभु यीशु के सम्मुख उसके आने के समय तुम ही न होगे? हमारी बड़ाई और आनन्द तुम ही हो।
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