1 शमूएल 20:35-42

1 शमूएल 20:35-42 HINOVBSI

सबेरे योनातान एक छोटा लड़का संग लिए हुए मैदान में दाऊद के साथ ठहराए हुए स्थान को गया। तब उसने उस लड़के से कहा, “दौड़कर जो जो तीर मैं चलाऊँ उन्हें ढूँढ़ ले आ।” लड़का दौड़ ही रहा था, कि उसने एक तीर उसके परे चलाया। जब लड़का योनातान के चलाए तीर के स्थान पर पहुँचा, तब योनातान ने उसके पीछे से पुकारके कहा, “तीर तो तेरे उस ओर है।” फिर योनातान ने लड़के के पीछे से पुकारके कहा, “फुर्ती कर, ठहर मत।” और योनातान का लड़का तीरों को बटोर के अपने स्वामी के पास ले आया। इसका भेद लड़का तो कुछ न जानता था; केवल योनातान और दाऊद उस बात को जानते थे। तब योनातान ने अपने हथियार उस लड़के को देकर कहा, “जा, इन्हें नगर को पहुँचा।” ज्योंही लड़का गया, त्योंही दाऊद दक्षिण दिशा की ओर से निकला, और भूमि पर औंधे मुँह गिरके तीन बार दण्डवत् की; तब उन्होंने एक दूसरे को चूमा, और एक दूसरे के साथ रोए, परन्तु दाऊद का रोना अधिक था। तब योनातान ने दाऊद से कहा, “कुशल से चला जा; क्योंकि हम दोनों ने एक दूसरे से यह कहके यहोवा के नाम की शपथ खाई है, कि यहोवा मेरे और तेरे मध्य, और मेरे और तेरे वंश के मध्य में सदा रहे।” तब वह उठकर चला गया; और योनातान नगर में गया।