1 शमूएल 16:6-14

1 शमूएल 16:6-14 HINOVBSI

जब वे आए, तब उसने एलीआब पर दृष्‍टि करके सोचा, “निश्‍चय यह जो यहोवा के सामने है वही उसका अभिषिक्‍त होगा।” परन्तु यहोवा ने शमूएल से कहा, “न तो उसके रूप पर दृष्‍टिकर, और न उसके कद की ऊँचाई पर, क्योंकि मैं ने उसे अयोग्य जाना है; क्योंकि यहोवा का देखना मनुष्य का सा नहीं है; मनुष्य तो बाहर का रूप देखता है, परन्तु यहोवा की दृष्‍टि मन पर रहती है।” तब यिशै ने अबीनादाब को बुलाकर शमूएल के सामने भेजा। और उसने कहा, “यहोवा ने इसको भी नहीं चुना।” फिर यिशै ने शम्मा को सामने भेजा। और उसने कहा, “यहोवा ने इसको भी नहीं चुना।” इस प्रकार यिशै ने अपने सात पुत्रों को शमूएल के सामने भेजा। और शमूएल यिशै से कहता गया, “यहोवा ने इन्हें नहीं चुना।” तब शमूएल ने यिशै से कहा, “क्या सब लड़के आ गए?” वह बोला, “नहीं, छोटा तो रह गया, और वह भेड़–बकरियों को चरा रहा है।” शमूएल ने यिशै से कहा, “उसे बुलवा भेज; क्योंकि जब तक वह यहाँ न आए तब तक हम खाने को न बैठेंगे।” तब वह उसे बुलाकर भीतर ले आया। उसके तो लाली झलकती थी, और उसकी आँखें सुन्दर, और उसका रूप सुडौल था। तब यहोवा ने कहा, “उठकर इस का अभिषेक कर : यही है।” तब शमूएल ने अपना तेल का सींग लेकर उसके भाइयों के मध्य में उसका अभिषेक किया; और उस दिन से लेकर भविष्य को यहोवा का आत्मा दाऊद पर बल से उतरता रहा। तब शमूएल उठकर रामा को चला गया। यहोवा का आत्मा शाऊल पर से उठ गया, और यहोवा की ओर से एक दुष्‍ट आत्मा उसे घबराने लगा।

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