1 शमूएल 1:1-11

1 शमूएल 1:1-11 HINOVBSI

एप्रैम के पहाड़ी देश के रामातैमसोपीम नगर का निवासी एल्काना नामक एक पुरुष था, वह एप्रैमी था, और सूप के पुत्र तोहू का परपोता, एलीहू का पोता, और यरोहाम का पुत्र था। उसके दो पत्नियाँ थीं; एक का नाम हन्ना और दूसरी का पनिन्ना था। पनिन्ना के तो बालक हुए, परन्तु हन्ना के कोई बालक न हुआ। वह पुरुष प्रति वर्ष अपने नगर से सेनाओं के यहोवा को दण्डवत् करने और मेलबलि चढ़ाने के लिये शीलो में जाता था; वहाँ होप्नी और पीनहास नामक एली के दोनों पुत्र रहते थे, जो यहोवा के याजक थे। जब जब एल्काना मेलबलि चढ़ाता था तब तब वह अपनी पत्नी पनिन्ना को और उसके सब बेटे–बेटियों को दान दिया करता था; परन्तु हन्ना को वह दूना दान दिया करता था, क्योंकि वह हन्ना से प्रीति रखता था; तौभी यहोवा ने उसकी कोख बन्द कर रखी थी। परन्तु उसकी सौत इस कारण से, कि यहोवा ने उसकी कोख बन्द कर रखी थी, उसे अत्यन्त चिढ़ाकर कुढ़ाती रहती थी। वह तो प्रति वर्ष ऐसा ही करता था; और जब हन्ना यहोवा के भवन को जाती थी तब पनिन्ना उसको चिढ़ाती थी। इसलिये वह रोती और खाना न खाती थी। इसलिये उसके पति एल्काना ने उससे कहा, “हे हन्ना, तू क्यों रोती है? और खाना क्यों नहीं खाती? और तेरा मन क्यों उदास है? क्या तेरे लिये मैं दस बेटों से भी अच्छा नहीं हूँ?” तब शीलो में खाने और पीने के बाद हन्ना उठी। और यहोवा के मन्दिर के चौखट के एक बाजू के पास एली याजक कुर्सी पर बैठा हुआ था। वह मन में व्याकुल होकर यहोवा से प्रार्थना करने और बिलख बिलखकर रोने लगी। और उसने यह मन्नत मानी, “हे सेनाओं के यहोवा, यदि तू अपनी दासी के दु:ख पर सचमुच दृष्‍टि करे, और मेरी सुधि ले, और अपनी दासी को भूल न जाए, और अपनी दासी को पुत्र दे, तो मैं उसे उसके जीवन भर के लिये यहोवा को अर्पण करूँगी, और उसके सिर पर छुरा फिरने न पाएगा।”