1 राजाओं 18:30-39

1 राजाओं 18:30-39 HINOVBSI

तब एलिय्याह ने सब लोगों से कहा, “मेरे निकट आओ;” और सब लोग उसके निकट आए। तब उसने यहोवा की वेदी की जो गिराई गई थी मरम्मत की। फिर एलिय्याह ने याकूब के पुत्रों की गिनती के अनुसार, जिसके पास यहोवा का यह वचन आया था, “तेरा नाम इस्राएल होगा,” बारह पत्थर छाँटे, और उन पत्थरों से यहोवा के नाम की एक वेदी बनाई; और उसके चारों ओर इतना बड़ा एक गड़हा खोद दिया कि उसमें दो सआ बीज समा सके। तब उसने वेदी पर लकड़ी को सजाया, और बछड़े को टुकड़े टुकड़े काटकर लकड़ी पर रख दिया, और कहा, “चार घड़े पानी भर के होमबलि–पशु और लकड़ी पर उण्डेल दो।” तब उसने कहा, “दूसरी बार वैसा ही करो;” तब लोगों ने दूसरी बार वैसा ही किया। फिर उसने कहा, “तीसरी बार करो;” तब लोगों ने तीसरी बार भी वैसा ही किया। और जल वेदी के चारों ओर बह गया, और गड़हे को भी उसने जल से भर दिया। फिर भेंट चढ़ाने के समय एलिय्याह नबी समीप जाकर कहने लगा, “हे अब्राहम, इसहाक और इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा! आज यह प्रगट कर कि इस्राएल में तू ही परमेश्‍वर है, और मैं तेरा दास हूँ, और मैं ने ये सब काम तुझ से वचन पाकर किए हैं। हे यहोवा! मेरी सुन, मेरी सुन कि लोग जान लें कि हे यहोवा, तू ही परमेश्‍वर है, और तू ही उनका मन लौटा लेता है।” तब यहोवा की आग आकाश से प्रगट हुई और होमबलि को लकड़ी और पत्थरों और धूलि समेत भस्म कर दिया, और गड़हे में का जल भी सुखा दिया। यह देख सब लोग मुँह के बल गिरकर बोल उठे, “यहोवा ही परमेश्‍वर है, यहोवा ही परमेश्‍वर है;”

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