1 कुरिन्थियों 15:1-28

1 कुरिन्थियों 15:1-28 HINOVBSI

हे भाइयो, अब मैं तुम्हें वही सुसमाचार बताता हूँ जो पहले सुना चुका हूँ, जिसे तुम ने अंगीकार भी किया था और जिसमें तुम स्थिर भी हो। उसी के द्वारा तुम्हारा उद्धार भी होता है, यदि उस सुसमाचार को जो मैं ने तुम्हें सुनाया था स्मरण रखते हो; नहीं तो तुम्हारा विश्‍वास करना व्यर्थ हुआ। इसी कारण मैं ने सबसे पहले तुम्हें वही बात पहुँचा दी, जो मुझे पहुँची थी कि पवित्रशास्त्र के वचन के अनुसार यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया, और गाड़ा गया, और पवित्रशास्त्र के अनुसार तीसरे दिन जी भी उठा, और कैफा को तब बारहों को दिखाई दिया। फिर वह पाँच सौ से अधिक भाइयों को एक साथ दिखाई दिया, जिनमें से बहुत से अब तक जीवित हैं पर कुछ सो गए। फिर वह याकूब को दिखाई दिया तब सब प्रेरितों को दिखाई दिया। सब के बाद मुझ को भी दिखाई दिया, जो मानो अधूरे दिनों का जन्मा हूँ। क्योंकि मैं प्रेरितों में सबसे छोटा हूँ, वरन् प्रेरित कहलाने के योग्य भी नहीं, क्योंकि मैं ने परमेश्‍वर की कलीसिया को सताया था। परन्तु मैं जो कुछ भी हूँ, परमेश्‍वर के अनुग्रह से हूँ। उसका अनुग्रह जो मुझ पर हुआ, वह व्यर्थ नहीं हुआ; परन्तु मैं ने उन सबसे बढ़कर परिश्रम भी किया: तौभी यह मेरी ओर से नहीं हुआ परन्तु परमेश्‍वर के अनुग्रह से जो मुझ पर था। इसलिये चाहे मैं हूँ, चाहे वे हों, हम यही प्रचार करते हैं, और इसी पर तुम ने विश्‍वास भी किया। इसलिये जब कि मसीह का यह प्रचार किया जाता है कि वह मरे हुओं में से जी उठा, तो तुम में से कितने कैसे कहते हैं कि मरे हुओं का पुनरुत्थान है ही नहीं? यदि मरे हुओं का पुनरुत्थान है ही नहीं, तो मसीह भी नहीं जी उठा; और यदि मसीह नहीं जी उठा, तो हमारा प्रचार करना भी व्यर्थ है, और तुम्हारा विश्‍वास भी व्यर्थ है। वरन् हम परमेश्‍वर के झूठे गवाह ठहरे; क्योंकि हम ने परमेश्‍वर के विषय में यह गवाही दी कि उसने मसीह को जिला दिया, यद्यपि नहीं जिलाया यदि मरे हुए नहीं जी उठते। और यदि मुर्दे नहीं जी उठते, तो मसीह भी नहीं जी उठा; और यदि मसीह नहीं जी उठा, तो तुम्हारा विश्‍वास व्यर्थ है, और तुम अब तक अपने पापों में फँसे हो। वरन् जो मसीह में सो गए हैं, वे भी नष्‍ट हुए। यदि हम केवल इसी जीवन में मसीह से आशा रखते हैं तो हम सब मनुष्यों से अधिक अभागे हैं। परन्तु सचमुच मसीह मुर्दो में से जी उठा है, और जो सो गए हैं उनमें वह पहला फल हुआ। क्योंकि जब मनुष्य के द्वारा मृत्यु आई, तो मनुष्य ही के द्वारा मरे हुओं का पुनरुत्थान भी आया। और जैसे आदम में सब मरते हैं, वैसे ही मसीह में सब जिलाए जाएँगे, परन्तु हर एक अपनी अपनी बारी से : पहला फल मसीह, फिर मसीह के आने पर उसके लोग। इसके बाद अन्त होगा। उस समय वह सारी प्रधानता, और सारा अधिकार, और सामर्थ्य का अन्त करके राज्य को परमेश्‍वर पिता के हाथ में सौंप देगा। क्योंकि जब तक वह अपने बैरियों को अपने पाँवों तले न ले आए, तब तक उसका राज्य करना अवश्य है। सबसे अन्तिम बैरी जो नष्‍ट किया जाएगा, वह मृत्यु है। क्योंकि “परमेश्‍वर ने सब कुछ उसके पाँवों तले कर दिया है,” परन्तु जब वह कहता है कि सब कुछ उसके अधीन कर दिया गया है तो प्रत्यक्ष है कि जिसने सब कुछ उसके अधीन कर दिया, वह आप अलग रहा। और जब सब कुछ उसके अधीन हो जाएगा, तो पुत्र आप भी उसके अधीन हो जाएगा, जिसने सब कुछ उसके अधीन कर दिया, ताकि सब में परमेश्‍वर ही सब कुछ हो।