1 कुरिन्थियों 14:1-5

1 कुरिन्थियों 14:1-5 HINOVBSI

प्रेम का अनुकरण करो, और आत्मिक वरदानों की भी धुन में रहो, विशेष करके यह कि भविष्यद्वाणी करो। क्योंकि जो अन्य भाषा में बातें करता है वह मनुष्यों से नहीं परन्तु परमेश्‍वर से बातें करता है; इसलिये कि उसकी बातें कोई नहीं समझता, क्योंकि वह भेद की बातें आत्मा में होकर बोलता है। परन्तु जो भविष्यद्वाणी करता है, वह मनुष्यों से उन्नति और उपदेश और शान्ति की बातें कहता है। जो अन्य भाषा में बातें करता है, वह अपनी ही उन्नति करता है; परन्तु जो भविष्यद्वाणी करता है, वह कलीसिया की उन्नति करता है। मैं चाहता हूँ कि तुम सब अन्य भाषाओं में बातें करो परन्तु इससे अधिक यह चाहता हूँ कि भविष्यद्वाणी करो : क्योंकि यदि अन्य भाषाएँ बोलनेवाला कलीसिया की उन्नति के लिये अनुवाद न करे तो भविष्यद्वाणी करनेवाला उससे बढ़कर है।