1 इतिहास 28:6-12

1 इतिहास 28:6-12 HINOVBSI

उसने मुझ से कहा, ‘तेरा पुत्र सुलैमान ही मेरे भवन और आँगनों को बनाएगा, क्योंकि मैं ने उसको चुन लिया है कि मेरा पुत्र ठहरे, और मैं उसका पिता ठहरूँगा। यदि वह मेरी आज्ञाओं और नियमों के मानने में आजकल के समान दृढ़ रहे, तो मैं उसका राज्य सदा स्थिर रखूँगा।’ इसलिये अब इस्राएल के देखते अर्थात् यहोवा की मण्डली के देखते, और अपने परमेश्‍वर के सामने अपने परमेश्‍वर यहोवा की सब आज्ञाओं को मानो और उन पर ध्यान करते रहो; ताकि तुम इस अच्छे देश के अधिकारी बने रहो, और इसे अपने बाद अपने वंश का सदा का भाग होने के लिये छोड़ जाओ। “हे मेरे पुत्र सुलैमान! तू अपने पिता के परमेश्‍वर का ज्ञान रख, और खरे मन और प्रसन्न जीव से उसकी सेवा करता रह; क्योंकि यहोवा मन को जाँचता और विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है उसे समझता है। यदि तू उसकी खोज में रहे, तो वह तुझ को मिलेगा; परन्तु यदि तू उसको त्याग दे तो वह सदा के लिये तुझ को छोड़ देगा। अब चौकस रह, यहोवा ने तुझे एक ऐसा भवन बनाने को चुन लिया है, जो पवित्रस्थान ठहरेगा, हियाव बाँधकर इस काम में लग जा।” तब दाऊद ने अपने पुत्र सुलैमान को मन्दिर के ओसारे, कोठरियों, भण्डारों, अटारियों, भीतरी कोठरियों, और प्रायश्‍चित के ढकने के स्थान का नमूना, और यहोवा के भवन के आँगनों और चारों ओर की कोठरियों, और परमेश्‍वर के भवन के भण्डारों और पवित्र की हुई वस्तुओं के भण्डारों के, जो जो नमूने ईश्‍वर के आत्मा की प्रेरणा से उसको मिले थे, वे सब दे दिए।