तब दाऊद ने अपने पुत्र सुलैमान को मन्दिर के ओसारे, कोठरियों, भण्डारों, अटारियों, भीतरी कोठरियों, और प्रायश्चित के ढकने के स्थान का नमूना, और यहोवा के भवन के आँगनों और चारों ओर की कोठरियों, और परमेश्वर के भवन के भण्डारों और पवित्र की हुई वस्तुओं के भण्डारों के, जो जो नमूने ईश्वर के आत्मा की प्रेरणा से उसको मिले थे, वे सब दे दिए। फिर याजकों और लेवियों के दलों, और यहोवा के भवन की सेवा के सब कामों, और यहोवा के भवन की सेवा के सब सामान, अर्थात् सब प्रकार की सेवा के लिये सोने के पात्रों के निमित्त सोना तौलकर, और सब प्रकार की सेवा के लिये चाँदी के पात्रों के निमित्त चाँदी तौलकर, और सोने की दीवटों के लिये, और उनके दीपकों के लिये एक एक दीवट, और उसके दीपकों का सोना तौलकर और चाँदी की दीवटों के लिये एक एक दीवट, और उसके दीपक की चाँदी, हर एक दीवट के काम के अनुसार तौलकर, और भेंट की रोटी की मेजों के लिये एक एक मेज का सोना तौलकर, और चाँदी की मेजों के लिये चाँदी, और चोखे सोने के काँटों, कटोरों और प्यालों और सोने की कटोरियों के लिये एक एक कटोरी का सोना तौलकर, और चाँदी की कटोरियों के लिये एक एक कटोरी की चाँदी तौलकर, और धूप की वेदी के लिये ताया हुआ सोना तौलकर, और रथ अर्थात् यहोवा की वाचा का सन्दूक ढाँकनेवाले और पंख फैलाए हुए करूबों के नमूने के लिये सोना दे दिया। दाऊद ने कहा, “मैं ने यहोवा की शक्ति से जो मुझ को मिली, यह सब कुछ बूझकर लिख दिया है।”