1 इतिहास 22:10-19

1 इतिहास 22:10-19 HINOVBSI

वही मेरे नाम का भवन बनाएगा। वही मेरा पुत्र ठहरेगा और मैं उसका पिता ठहरूँगा, और उसकी राजगद्दी को मैं इस्राएल के ऊपर सदा के लिये स्थिर रखूँगा।’ अब हे मेरे पुत्र, यहोवा तेरे संग रहे, और तू कृतार्थ होकर उस वचन के अनुसार जो तेरे परमेश्‍वर यहोवा ने तेरे विषय कहा है, उसका भवन बनाना। अब यहोवा तुझे बुद्धि और समझ दे और इस्राएल का अधिकारी ठहरा दे, और तू अपने परमेश्‍वर यहोवा की व्यवस्था को मानता रहे। तू तब ही कृतार्थ होगा जब उन विधियों और नियमों पर चलने की चौकसी करेगा, जिनकी आज्ञा यहोवा ने इस्राएल के लिये मूसा को दी थी। हियाव बाँध और दृढ़ हो। मत डर; और तेरा मन कच्‍चा न हो। सुन, मैं ने अपने क्लेश के समय यहोवा के भवन के लिये एक लाख किक्‍कार सोना, और दस लाख किक्‍कार चाँदी, और पीतल और लोहा इतना इकट्ठा किया है कि बहुतायत के कारण तौल से बाहर है; और लकड़ी और पत्थर मैं ने इकट्ठे किए हैं, और तू उनको बढ़ा सकेगा। तेरे पास बहुत कारीगर हैं, अर्थात् पत्थर और लकड़ी के काटने और गढ़नेवाले वरन् सब भाँति के काम के लिये सब प्रकार के प्रवीण पुरुष हैं। सोना, चाँदी, पीतल और लोहे की तो कुछ गिनती नहीं है, अत: तू उस काम में लग जा। यहोवा तेरे संग नित रहे।” फिर दाऊद ने इस्राएल के सब हाकिमों को अपने पुत्र सुलैमान की सहायता करने की आज्ञा यह कहकर दी, “क्या तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा तुम्हारे संग नहीं है? क्या उसने तुम्हें चारों ओर से विश्राम नहीं दिया? उसने तो देश के निवासियों को मेरे वश में कर दिया है; और देश यहोवा और उसकी प्रजा के सामने दबा हुआ है। अब तन मन से अपने परमेश्‍वर यहोवा के पास जाया करो, और जी लगाकर यहोवा परमेश्‍वर का पवित्रस्थान बनाना, कि तुम यहोवा की वाचा का सन्दूक और परमेश्‍वर के पवित्र पात्र उस भवन में लाओ जो यहोवा के नाम का बननेवाला है।”