1 इतिहास 15:1-15

1 इतिहास 15:1-15 HINOVBSI

तब दाऊद ने दाऊदपुर में भवन बनवाए, और परमेश्‍वर के सन्दूक के लिये एक स्थान तैयार करके एक तम्बू खड़ा किया। तब दाऊद ने कहा, “लेवियों को छोड़ और किसी को परमेश्‍वर का सन्दूक उठाना नहीं चाहिये, क्योंकि यहोवा ने उनको इसी लिये चुना है कि वे परमेश्‍वर का सन्दूक उठाएँ और उसकी सेवा टहल सदा किया करें।” तब दाऊद ने समस्त इस्राएलियों को यरूशलेम में इसलिये इकट्ठा किया कि यहोवा का सन्दूक उस स्थान पर पहुँचाएँ, जिसे उसने उसके लिये तैयार किया था। इसलिये दाऊद ने हारून की सन्तानों और लेवियों को इकट्ठा किया : अर्थात् कहातियों में से ऊरीएल नामक प्रधान को और उसके एक सौ बीस भाइयों को; मरारियों में से असायाह नामक प्रधान को और उसके दो सौ बीस भाइयों को; गेर्शोमियों में से योएल नामक प्रधान को और उसके एक सौ तीस भाइयों को; एलीसापानियों में से शमायाह नामक प्रधान को और उसके दो सौ भाइयों को; हेब्रोनियों में से एलीएल नामक प्रधान को और उसके अस्सी भाइयों को; और उज्जीएलियों में से अम्मीनादाब नामक प्रधान को और उसके एक सौ बारह भाइयों को। तब दाऊद ने सादोक और एब्यातार नामक याजकों को, और ऊरीएल, असायाह, योएल, शमायाह, एलीएल और अम्मीनादाब नामक लेवियों को बुलवाकर उनसे कहा, “तुम तो लेवीय पितरों के घरानों में मुख्य पुरुष हो; इसलिये अपने भाइयों समेत अपने अपने को पवित्र करो, कि तुम इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा का सन्दूक उस स्थान पर पहुँचा सको जिसको मैं ने उसके लिये तैयार किया है। क्योंकि पिछली बार तुम ने उसको न उठाया था इस कारण हमारा परमेश्‍वर यहोवा हम पर टूट पड़ा, क्योंकि हम उसकी खोज में नियम के अनुसार न लगे थे।” तब याजकों और लेवियों ने अपने अपने को पवित्र किया कि इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा का सन्दूक ले जा सकें। तब उस आज्ञा के अनुसार जो मूसा ने यहोवा का वचन सुनकर दी थी, लेवियों ने सन्दूक को डंडों के बल अपने कंधों पर उठा लिया।