सफन्‍याह 3:9-18

सफन्‍याह 3:9-18 HINCLBSI

‘उस समय मैं कौमों की बोली बदल दूंगा। मैं उन्‍हें शुद्ध बोली प्रदान करूंगा। लोग मुझ-प्रभु का नाम पुकारेंगे, और कंधे से कंधा मिलाकर मेरी सेवा करेंगे। इथियोपिआ देश की नदियों के उस पार से, मेरे आराधकों, मेरे बिखरे हुए लोगों का समूह मुझे भेंट चढ़ाने आएंगे। ‘यद्यपि तूने अपने कार्यों से मेरे प्रति विद्रोह किया, तथापि तुझे उस दिन लज्‍जित नहीं होना पड़ेगा; क्‍योंकि मैं तेरे मध्‍य से अहंकारियों को, शेखी मारनेवालों को दूर कर दूंगा। उसके बाद तू मेरे पवित्र पर्वत पर अपना अहंकार नहीं दिखाएगी। मैं तेरे मध्‍य में विनम्र और विनीत लोगों का एक समूह छोड़ूंगा। वे मुझ-प्रभु के नाम का आश्रय खोजेंगे। ये इस्राएल के बचे हुए लोग होंगे। ये अनुचित कार्य नहीं करेंगे, ये झूठ नहीं बोलेंगे, और न उनके मुंह में कपटपूर्ण जीभ होगी। वे आराम से चरागाह में भेड़ चराएंगे। वे निश्‍चिन्‍त हो, विश्राम करेंगे; उन्‍हें डरानेवाला कोई न होगा।’ ओ सियोन के निवासियो! उच्‍च स्‍वर में गाओ, ओ इस्राएली राष्‍ट्र, जयजयकार कर। ओ यरूशलेम नगरी, अपने सम्‍पूर्ण हृदय से आनन्‍द मना और उल्‍लसित हो। प्रभु ने तेरे विरुद्ध दण्‍ड की आज्ञा वापस ले ली; उसने तेरे शत्रुओं को भगा दिया। इस्राएल का राजा, प्रभु तेरे मध्‍य में विराजमान है। अब तुझे अनिष्‍ट का डर नहीं होगा। उस दिन यरूशलेम से यों कहा जाएगा, ‘ओ सियोन, मत डर। तेरे हाथ ढीले न पड़ें। तेरा प्रभु परमेश्‍वर तेरे मध्‍य में विराजमान है। वह महायोद्धा है। वही विजय प्रदान करता है। वह तुझसे प्रसन्न होगा, आनन्‍दित होगा। वह अपने प्रेम में तुझे पुन: संजीव करेगा। तुझे आनन्‍दित देख, उत्‍सव के दिन की तरह वह आनन्‍द-विभोर हो उठेगा।’ प्रभु कहता है, ‘मैं तुझसे विनाश को दूर करूंगा, जिससे तुझे उसके कारण अपमान न सहना पड़े।