श्रेष्ठ गीत 3:1
श्रेष्ठ गीत 3:1 HINCLBSI
‘रात के समय मैं पलंग पर लेटी थी, उस समय मैंने अपने प्राण-प्रिय को पाना चाहा; मैं उसे ढूंढ़ने लगी, पर वह मुझे न मिला। मैंने उसको पुकारा, किन्तु उसने उत्तर नहीं दिया।
‘रात के समय मैं पलंग पर लेटी थी, उस समय मैंने अपने प्राण-प्रिय को पाना चाहा; मैं उसे ढूंढ़ने लगी, पर वह मुझे न मिला। मैंने उसको पुकारा, किन्तु उसने उत्तर नहीं दिया।