श्रेष्‍ठ गीत 2:4-9

श्रेष्‍ठ गीत 2:4-9 HINCLBSI

‘वह मुझे मयखाने में ले गया, उसके प्रेम की ध्‍वजा मुझपर फहरा उठी। सखियो! तुम किशमिश खिलाकर मुझे बल दो, सेब खिलाकर मुझे तरोताजा करो, क्‍योंकि मैं प्रेम-ज्‍वर से पीड़ित हूं। काश! उसका बायाँ हाथ मेरे सिर के नीचे रहता, और वह अपने दाहिने हाथ से मेरा आलिंगन करता। ओ यरूशलेम की कन्‍याओ! मैं वन-प्रदेश की हरिणियों और मृगियों की तुम्‍हें शपथ देती हूं : जब तक प्रेम स्‍वत: न जाग उठे, तुम उसे न उकसाना, तुम उसे न जगाना। ‘सुनो! मेरे प्रियतम की आवाज। देखो, वह पहाड़ों पर कूदता, पहाड़ियों को फांदता आ रहा है! मेरा प्रियतम मृग की तरह है, वह तरुण हरिण है। देखो, वह हमारी दीवार के पीछे खड़ा है, वह खिड़कियों की ओर ताक रहा है, वह झंझरी से झांक रहा है।