श्रेष्ठ गीत 2:16-17
श्रेष्ठ गीत 2:16-17 HINCLBSI
‘मैं अपने प्रियतम की हूं, और वह मेरा है। वह सोसन पुष्पों के मध्य अपनी भेड़-बकरियां चराता है। सन्ध्या पवन बहने से पूर्व छाया लम्बी होकर उसके लोप होने के पूर्व, ओ मेरे प्रियतम, मृग की तरह ऊबड़-खाबड़ पहाड़ों पर तरुण हरिण के सदृश लौट आना।