रोमियों 4:18-25

रोमियों 4:18-25 HINCLBSI

अब्राहम ने निराशाजनक परिस्‍थिति में भी आशा रख कर विश्‍वास किया और वह बहुत जातियों के पिता बन गये, जैसा कि उन से कहा गया था, “तुम्‍हारे असंख्‍य वंशज होंगे।” यद्यपि वह जानते थे कि उनका शरीर अशक्‍त हो गया है—उनकी अवस्‍था लगभग एक सौ वर्ष की थी—और उनकी पत्‍नी सारा बाँझ है, तो भी उनका विश्‍वास विचलित नहीं हुआ; उन्‍हें परमेश्‍वर की प्रतिज्ञा पर सन्‍देह नहीं हुआ, बल्‍कि उन्‍होंने अपने विश्‍वास की दृढ़ता द्वारा परमेश्‍वर का सम्‍मान किया। उन्‍हें पक्‍का निश्‍चय था कि परमेश्‍वर ने जिस बात की प्रतिज्ञा की है, वह उसे पूरा करने में समर्थ है। इस विश्‍वास के कारण “परमेश्‍वर ने उन्‍हें धार्मिक माना है।” धर्मग्रन्‍थ का यह कथन न केवल अब्राहम से, बल्‍कि हम से भी सम्‍बन्‍ध रखता है। यदि हम परमेश्‍वर में विश्‍वास करेंगे, जिसने हमारे प्रभु येशु को मृतकों में से जिलाया, तो हम भी विश्‍वास के कारण धार्मिक माने जायेंगे। वही येशु हमारे अपराधों के कारण पकड़वाये गये और हमें धार्मिक ठहराने के लिए जी उठे।

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