प्रकाशन 5:1-13

प्रकाशन 5:1-13 HINCLBSI

इसके बाद मैंने देखा कि जो सिंहासन पर विराजमान है, उसके दाहिने हाथ में एक लपेटी हुई पुस्‍तक है, जिस पर दोनों ओर लिखा हुआ है और जिसे सात मोहरें लगा कर बन्‍द कर दिया गया है। और मैंने एक शक्‍तिशाली स्‍वर्गदूत को देखा, जो ऊंचे स्‍वर से पुकार रहा था, “पुस्‍तक खोलने और उसकी मोहरें तोड़ने योग्‍य कौन है?” किन्‍तु स्‍वर्ग में, पृथ्‍वी पर या पृथ्‍वी के नीचे कोई ऐसा व्यक्‍ति नहीं मिला, जो पुस्‍तक खोलने या पढ़ने में समर्थ हो। मैं फूट-फूट कर रोने लगा, क्‍योंकि पुस्‍तक खोलने या पढ़ने योग्‍य कोई नहीं मिला था। इस पर धर्मवृद्धों में से एक ने मुझ से कहा, “मत रोओ! देखो, वह, जो यहूदा कुल का सिंह है, जो दाऊद का श्रेष्‍ठ वंशज है, वह विजयी हुआ है। वह पुस्‍तक और उसकी सात मोहरें खोलने योग्‍य है।” तब मैंने सिंहासन के पास के चार प्राणियों और धर्मवृद्धों के बीच खड़े एक मेमने को देखा। वह मानो वध किया हुआ मेमना था। उसके सात सींग और सात नेत्र थे − ये परमेश्‍वर की सात आत्‍माएं हैं, जिन्‍हें परमेश्‍वर ने सारी पृथ्‍वी पर भेजा है। तब मेमने ने पास आ कर सिंहासन पर बैठने वाले के दाहिने हाथ से पुस्‍तक ली। जब मेमना पुस्‍तक ले चुका, तब चार प्राणी तथा चौबीस धर्मवृद्ध मेमने के सामने गिर पड़े। प्रत्‍येक धर्मवृद्ध के हाथ में वीणा थी और धूप से भरे स्‍वर्ण पात्र भी-ये सन्‍तों की प्रार्थनाएँ हैं। वे यह कहते हुए एक नया गीत गा रहे थे : “तू पुस्‍तक ग्रहण कर उसकी मोहरें खोलने योग्‍य है, क्‍योंकि तू वध किया गया था। और तूने अपना रक्‍त बहा कर परमेश्‍वर के लिए प्रत्‍येक कुल, भाषा, प्रजाति और राष्‍ट्र से मनुष्‍यों को ख़रीद लिया। तूने उन्‍हें हमारे परमेश्‍वर के लिए पुरोहितों का राजवंश बना दिया है और वे पृथ्‍वी पर राज्‍य करेंगे।” मैंने पुन: देखा, और सिंहासन, प्राणियों और धर्मवृद्धों के चारों ओर खड़े बहुत-से स्‍वर्गदूतों की आवाज सुनी − उनकी संख्‍या लाखों और करोड़ों में थी। वे ऊंचे स्‍वर से कह रहे थे : “बलि किया हुआ मेमना सामर्थ्य, वैभव, प्रज्ञ, शक्‍ति, सम्‍मान, महिमा तथा स्‍तुति का अधिकारी है।” तब मैंने समस्‍त सृष्‍टि को-आकाश में और पृथ्‍वी पर और पृथ्‍वी कि नीचे और समुद्र के अन्‍दर के प्रत्‍येक जीव को-यह कहते सुना : “सिंहासन पर विराजमान को तथा मेमने को युगानुयुग स्‍तुति, सम्‍मान, महिमा तथा सामर्थ्य!”