प्रकाशन 3:14-22

प्रकाशन 3:14-22 HINCLBSI

“लौदीकिया की कलीसिया के दूत को यह लिखो : “जो ‘आमेन’ है, जो विश्‍वस्‍त तथा सच्‍चा साक्षी एवं परमेश्‍वर की सृष्‍टि का मूलस्रोत है, उसका सन्‍देश इस प्रकार है : मैं तुम्‍हारे आचरण से परिचित हूँ। तुम न ठण्‍डे हो न गर्म। कितना अच्‍छा होता कि तुम ठण्‍डे या गर्म होते! लेकिन तुम न तो गर्म हो और न ठण्‍डे, बल्‍कि कुनकुने हो, इसलिए मैं तुम को अपने मुख से उगल दूँगा। तुम यह कहते हो, ‘मैं धनी हूँ, मैं समृद्ध हो गया, मुझे किसी बात की कमी नहीं’, और तुम यह नहीं समझते कि तुम अभागे हो, दयनीय हो, दरिद्र, अन्‍धे और नंगे हो। मेरी बात मानो। मुझ से आग में तपाया हुआ सोना खरीद कर धनी हो जाओ; उजले वस्‍त्र खरीद कर पहन लो और अपने नंगेपन की लज्‍जा ढक लो; अंजन खरीद कर आंखों पर लगाओ, जिससे तुम देख सको। मैं जिन से प्रेम करता हूँ, उन्‍हें डाँटता और दण्‍डित करता हूँ। इसलिए उत्‍साही बनो और पश्‍चात्ताप करो। मैं द्वार के सामने खड़ा हो कर खटखटाता हूँ। यदि तुम मेरी वाणी सुन कर द्वार खोलोगे, तो मैं तुम्‍हारे पास भीतर आ कर तुम्‍हारे साथ भोजन करूँगा और तुम मेरे साथ। “जो विजय प्राप्‍त करता है, उसको मैं उसी तरह अपने साथ अपने सिंहासन पर विराजमान होने का अधिकार दूँगा, जिस तरह मैं विजय प्राप्‍त कर अपने पिता के साथ उसके सिंहासन पर विराजमन हूँ। जिसके कान हों, वह सुन ले कि आत्‍मा कलीसियाओं से क्‍या कहता है।”