भजन संहिता 8:1-9

भजन संहिता 8:1-9 HINCLBSI

हे प्रभु, हमारे स्‍वामी! तेरा नाम समस्‍त पृथ्‍वी पर कितना महान है! तेरी महिमा का स्‍तुतिगान स्‍वर्ग पर होता है, शिशुओं और बच्‍चों के मुख से तेरी स्‍तुति होती है। अपने बैरियों के कारण, अपने शत्रु और प्रतिशोधी का अंत करने के लिए तूने एक गढ़ बनाया है। जब मैं देखता हूं तेरे आकाश को, जो तेरा हस्‍त-शिल्‍प है, चंद्रमा एवं नक्षत्रों को जिन्‍हें तूने स्‍थापित किया है, तब मनुष्‍य क्‍या है कि तू उसका स्‍मरण रखे? मानव-पुत्र क्‍या है कि तू उसकी सुधि ले? तो भी तूने उसे ईश्‍वर से कुछ घटकर बनाया, और उसे महिमा और सम्‍मान का मुकुट पहनाया। तूने उसे अपने हस्‍त-शिल्‍प पर अधिकार दिया; तूने सब कुछ उसके पांवों-तले कर दिया। भेड़-बकरी, गाय-बैल, और वन-पशु भी, आकाश के पक्षी, सागर की मछलियां, और वह सब कुछ जो समुद्र के मार्गों में विचरण करता है। हे प्रभु, हमारे स्‍वामी, तेरा नाम समस्‍त पृथ्‍वी पर कितना महान है!