सचमुच तूने उन्हें फिसलने वाले स्थानों पर रखा है; तू विनाश के लिए उन्हें गिराता है। वे क्षण भर में कैसे उजड़ गए। वे आतंक द्वारा पूर्णत: विनष्ट हो गए! जैसे जागने वाला मनुष्य स्वप्न को महत्व नहीं देता, वैसे ही स्वामी, तू जागने पर उनके झूठे वैभव को तुच्छ समझता है। जब मेरा मन कड़ुवा हो गया था, मेरे हृदय में अपार पीड़ा थी। मैं मूर्ख और नासमझ था, तेरे सम्मुख मैं पशुवत था। फिर भी मैं निरन्तर तेरे साथ रहा हूँ; तू मेरे दाहिने हाथ को थामे हुए है। तू अपनी सलाह से मेरा मार्ग-दर्शन करता है; जीवन के अन्त में तू मुझे महिमा में ग्रहण करेगा। स्वर्ग में मेरा और कौन है? तेरे अतिरिक्त पृथ्वी पर मैं किसी की कामना नहीं करता। मेरा शरीर और हृदय चाहे हताश हो जाएं, पर परमेश्वर, तू सदा मेरे हृदय का बल और भाग है। जो तुझसे दूर हैं, वे मिट जाएंगे; जो तेरे प्रति निष्ठावान नहीं हैं, उन सब को तू नष्ट कर देगा। पर मेरे लिए परमेश्वर की निकटता उत्तम है; मैं ने प्रभु-स्वामी को अपना आश्रय स्थल माना है; प्रभु, मैं तेरे सब कार्यों का वर्णन करूंगा।
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