भजन संहिता 69:19-36

भजन संहिता 69:19-36 HINCLBSI

तू मेरी निन्‍दा, लज्‍जा और अपमान को जानता है, तू मेरे समस्‍त बैरियों से परिचित है। निन्‍दा ने मेरे हृदय को विदीर्ण कर दिया है; मैं अत्‍यन्‍त निराश हूँ। मैंने सहानुभूति की आशा की, पर वह न मिली; मैंने सान्‍त्‍वना देने वालों की प्रतीक्षा की, पर वह न मिली; उन्‍होंने खाने के लिए मुझे विष दिया; मेरी प्‍यास बुझाने के लिए मुझे पीने को सिरका दिया। उनके सम्‍मुख रखा हुआ भोजन फन्‍दा बन जाए, और उनकी सहभागिता-बलि एक जाल। उनकी आंखें धुंधली पड़ जाएं, और वे देख न सकें; तू उनकी कमर को सदैव झुकाकर रख। उन पर अपने कोप की वर्षा कर; तेरा दहकता क्रोध उन्‍हें भस्‍म कर दे। उनका निवास-स्‍थान उजाड़ हो जाए, उनके घरों में कोई न रहे। ऐसे मनुष्‍य उस व्यक्‍ति का पीछा करते हैं, जिसे तूने मारा है; वे उन लोगों की पीड़ा की चर्चा करते हैं, जिन्‍हें तूने घात किया है। वे कुकर्म पर कुकर्म करते रहें, और तेरी धार्मिकता में प्रवेश न करें। जीवन की पुस्‍तक से उनके नाम मिटा डाल, उनके नाम धार्मिकों के साथ न लिखे जाएं। पर मैं दु:खी और पीड़ित हूँ, हे परमेश्‍वर, अपनी सहायता से मुझे बलवान बना। मैं अपने गीतों में परमेश्‍वर के नाम का यशोगान करूंगा, मैं स्‍तुति-गीत में उसकी प्रशंसा करूंगा। यह प्रभु को बैल-बलि से अधिक, सींग और खुर वाले बैल की बलि से भी अधिक भाएगा। पीड़ित जन इसे देखकर सुखी हों; ओ परमेश्‍वर के खोजियो, तुम्‍हारे हृदय को नया बल प्राप्‍त हो! प्रभु गरीबों की आवाज सुनता है; वह अपने बन्‍दीजनों से घृणा नहीं करता। आकाश और पृथ्‍वी, सागर और उसके समस्‍त जलचर, प्रभु का यशोगान करें। परमेश्‍वर सियोन की रक्षा करेगा, और यहूदा प्रदेश के नगरों को फिर बसाएगा! प्रभु के सेवक वहाँ बसकर उस देश पर अधिकार कर लेंगे। उन्‍हीं सेवकों के वंशज उसको उत्तराधिकार में प्राप्‍त करेंगे, जो प्रभु के नाम से प्रेम करते हैं, वे वहाँ निवास करेंगे।

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