भजन संहिता 62:7-12

भजन संहिता 62:7-12 HINCLBSI

परमेश्‍वर पर ही मेरा उद्धार और सम्‍मान आधारित है, मेरी दृढ़ चट्टान और शरण-स्‍थल परमेश्‍वर ही है। लोगो, हर समय परमेश्‍वर पर ही भरोसा करो। उसके सम्‍मुख अपना हृदय उण्‍डेल दो, परमेश्‍वर ही हमारे लिए शरण-स्‍थल है। सेलाह अकुलीन मनुष्‍य श्‍वास मात्र है, कुलीन केवल मिथ्‍या है; तुला पर वे ऊपर उठ जाते हैं, वे सब मिलकर सांस से भी हलके हैं। अत्‍याचार पर भरोसा मत करो, लूट-मार से न फूलो; यदि धन-सम्‍पत्ति की वृद्धि होती है, तो उस पर हृदय मत लगाओ। परमेश्‍वर ने एक बार कहा, मैं ने दो बार यह सुना कि सामर्थ्य परमेश्‍वर का ही है। और स्‍वामी, करुणा भी तेरी ही है; क्‍योंकि तू मनुष्‍य को उसके कामों के अनुसार फल देता है।