भजन संहिता 34:1-10

भजन संहिता 34:1-10 HINCLBSI

मैं प्रभु को हर समय धन्‍य कहूँगा। मैं निरन्‍तर उसकी स्‍तुति करता रहूंगा। मेरा प्राण प्रभु पर गर्व करेगा; दु:खी मनुष्‍य यह सुन कर सुखी होगा। मेरे साथ प्रभु का गुणगान करो; हम सब उसके नाम को उन्नत करें। मैंने प्रभु को खोजा; और उसने मुझे उत्तर दिया, उसने मेरे सब भय से मुझे मुक्‍त किया प्रभु पर दृष्‍टि करो, तब तुम्‍हारा मुख प्रकाशमय हो जाएगा; और तुम अपने विश्‍वास के लिए कभी लज्‍जित न होगे! इस पीड़ित व्यक्‍ति ने प्रभु को पुकारा, और प्रभु ने उसकी प्रार्थना सुनी; प्रभु ने उसके सब संकटों से उसको बचाया। जो लोग प्रभु की भक्‍ति करते हैं, उन्‍हें प्रभु का दूत चारों ओर से घेरे रहता है; वह उन्‍हें मुक्‍त करता है। परखकर देखो कि प्रभु कितना भला है। धन्‍य है वह व्यक्‍ति जो प्रभु की शरण में आता है। ओ प्रभु के संतो! प्रभु से डरो। जो लोग प्रभु से डरते हैं, उन्‍हें अभाव नहीं होता। युवा सिंहों को घटी होती और उन्‍हें भूख लगती है; पर जो लोग प्रभु को खोजते हैं, उन्‍हें भली वस्‍तु का अभाव नहीं होता।

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