हे प्रभु, मैं तेरी शरण में आया हूँ; मुझे कभी लज्जित न होने देना; अपनी धार्मिकता द्वारा मुझे मुक्त कर। अपने कान मेरी ओर लगा, प्रभु, अविलंब मुझे बचा। मेरे निमित्त आश्रय की चट्टान और मुझे बचाने के लिए दृढ़ गढ़ बन। तू ही मेरी चट्टान और मेरा गढ़ है; अपने नाम के लिए मुझे मार्ग दिखा और मेरा नेतृत्व कर। मुझे उस जाल से बाहर निकाल जो मेरे लिए बिछाया गया है; तू ही मेरा आश्रयस्थल है। मैं अपनी आत्मा तेरे हाथ में सौंपता हूँ; हे प्रभु! सच्चे परमेश्वर, तूने मेरा उद्धार किया है। तू निस्सार मूर्तियों की पूजा करने वालों से घृणा करता है; किन्तु प्रभु, मैं तुझ पर ही भरोसा करता हूँ। मैं तेरी करुणा से हर्षित और सुखी होऊंगा; क्योंकि तूने मेरी पीड़ा को देखा है। तूने मेरे प्राण के संकट को पहचाना और मुझे शत्रुओं के हाथ में नहीं सौंपा; पर तूने मुझे स्वतन्त्र घूमने दिया!
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