प्रभु मेरी ज्योति और मेरा सहायक है; तब मैं किससे डरूँ? प्रभु मेरा जीवन-रक्षक है; तब मैं क्यों भयभीत होऊं? जब कुकर्मी मुझे फाड़-खाने के लिए मुझ पर आक्रमण करते हैं तब वे−मेरे शत्रु, मेरे बैरी लड़खड़ाकर गिर पड़ेंगे। यद्यपि सेना ने मुझे घेरा है, तोभी मेरा हृदय आतंकित न होगा; यद्यपि मेरे विरुद्ध युद्ध छिड़ा है; फिर भी मैं आश्वस्त रहूँगा। मैंने केवल एक वरदान प्रभु से मांगा है; मैं जीवन पर्यन्त प्रभु के घर में निवास करूँ, और प्रभु के सौन्दर्य को निहार सकूँ; उसके भवन में दर्शन करूँ। मैं इसी वरदान की खोज करूँगा। प्रभु संकट के दिन मुझे अपने मंडप में छिपा लेगा; वह अपने शिविर के भीतर मुझे आश्रय देगा; वह मुझे चट्टान पर ऊंचा उठाएगा। अब चारों ओर के शत्रुओं की अपेक्षा मेरा मस्तक उन्नत होगा; मैं प्रभु के शिविर में आनन्द-उल्लास से बलि चढ़ाऊंगा। मैं गीत गाऊंगा; मैं प्रभु का स्तुतिगान करूँगा।
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