भजन संहिता 25:16-22

भजन संहिता 25:16-22 HINCLBSI

प्रभु, मेरी ओर उन्‍मुख हो, मुझ पर कृपा कर; क्‍योंकि मैं एकाकी और पीड़ित हूँ। मेरे हृदय का क्‍लेश कितना बढ़ गया है; मुझे संकट से मुक्‍त कर, मेरी पीड़ा एवं दु:ख को देख; और मेरे सब पाप क्षमा कर। मेरे शत्रुओं को देख; वे कितने बढ़ गए हैं; वे मुझसे तीव्र घृणा करते हैं। मेरे प्राण की रक्षा कर, और मेरा उद्धार कर; मुझे लज्‍जित न होने दे; क्‍योंकि मैं तेरी ही शरण में आया हूँ। सच्‍चरित्रता और सत्‍यनिष्‍ठा मेरी रक्षा करें, क्‍योंकि मैं तेरी ही प्रतीक्षा करता हूँ। हे परमेश्‍वर, इस्राएल को उसके समस्‍त संकटों से मुक्‍त कर।