भजन संहिता 25:14-21

भजन संहिता 25:14-21 HINCLBSI

प्रभु अपने भक्‍तों पर अपने भेद प्रकट करता है। प्रभु उन्‍हें अपना विधान सिखाता है। मेरे नेत्र प्रभु की ओर टकटकी बांधे हैं; क्‍योंकि प्रभु ही मेरे पैरों को जाल से छुड़ाएगा। प्रभु, मेरी ओर उन्‍मुख हो, मुझ पर कृपा कर; क्‍योंकि मैं एकाकी और पीड़ित हूँ। मेरे हृदय का क्‍लेश कितना बढ़ गया है; मुझे संकट से मुक्‍त कर, मेरी पीड़ा एवं दु:ख को देख; और मेरे सब पाप क्षमा कर। मेरे शत्रुओं को देख; वे कितने बढ़ गए हैं; वे मुझसे तीव्र घृणा करते हैं। मेरे प्राण की रक्षा कर, और मेरा उद्धार कर; मुझे लज्‍जित न होने दे; क्‍योंकि मैं तेरी ही शरण में आया हूँ। सच्‍चरित्रता और सत्‍यनिष्‍ठा मेरी रक्षा करें, क्‍योंकि मैं तेरी ही प्रतीक्षा करता हूँ।